पूरे हफ्ते मध्य प्रदेश में होगी भारी बारिश, देखें साप्ताहिक मौसम पूर्वानुमान

Weekly Madhyapradesh weather update

वीडियो के माध्यम से जानें कैसा रहेगा मध्यप्रदेश में मौसम का हाल पूरे सप्ताह।

वीडियो स्रोत: मौसम तक

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प्याज की रोपाई के बाद का अपनाएं ये फसल प्रबंधन उपाय

Follow these crop management measures after planting onions
  • प्याज के अच्छे उत्पादन के लिए रोपाई के 15 दिनों में फसल प्रबधन (पोषण एवं छिड़काव प्रबंधन) करना बहुत आवश्यक होता है।

  • उचित तरीके से पोषक तत्वों के प्रबंधन करने से प्याज़ के पौधों द्वारा पोषक तत्वों का सही से उपयोग किया जाता है एवं प्याज की फसल की जड़ें, जमीन में अच्छे से फैल जाती है। साथ ही रोगों के प्रति प्रतिरोधी क्षमता बढ़ जाती है।

  • यूरिया @ 30 किलो/एकड़ + सल्फर 90% @ 10 किलो/एकड़ की दर से रोपाई के 10 से 15 दिन में खेत में भुरकाव करें।

  • यूरिया नाइट्रोज़न का स्त्रोत है, सल्फर कवक जनित रोगों की रोकथाम के साथ ही, पोषक तत्व की पूर्ति करने में भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

  • कीट के नियंत्रण के लिए फिप्रोनिल 5% SC @ 400 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

  • अच्छी वृद्धि एवं प्याज़ की जड़ों को भूमि में अच्छे से फैलाने के लिए ह्यूमिक एसिड @ 100 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

  • कवक जनित रोगों के नियंत्रण के लिए कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोज़ेब 63% @ 300 ग्राम/एकड़ या थायोफिनेट मिथाइल 70% @ 300 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

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इस योजना के तहत 90% सब्सिडी पर किसानों को बांटे जायेंगे बीज

Seed Minikit scheme

राजस्थान के किसानों के लिए राज्य सरकार की तरफ से बीज मिनिकिट योजना शुरू की गई है। इस योजना से राज्य के लाखों किसानों को लाभ मिलेगा। इस योजना में किसानों को 90% की भारी सब्सिडी पर बीज उपलब्ध करवाए जाएंगे। दरअसल कोरोना की वजह से खड़ी हुई समस्याओं से प्रभावित हुए किसानों को राहत देने के उद्देश्य से इस योजना की शुरुआत की गई है।

इस योजना के कार्यान्वन के लिए राज्य सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। बता दें की इस योजना के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, लघु व सीमान्त तथा गरीब किसानों को प्राथमिकता दी जायेगी। इस योजना के अंतर्गत बीज मिनिकिट किसी महिला को दिया जाता है। जमीं महिला के पति/पिता/ससुर की हो फिर भी यह बीज किट महिला के नाम से ही मिलेगा।

स्रोत: कृषि जागरण

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मिर्च में हो रहा है मकड़ी का प्रकोप, जल्द करें नियंत्रण

How to control Mites in chilli crop
  • यह कीट छोटे एवं लाल रंग के होते हैं जो मिर्च की फसल के कोमल भागों जैसे पत्ती, फूल, कली, एवं टहनियों पर भारी मात्रा में पाए जाते हैं। जिन पौधों पर मकड़ी का प्रकोप होता है उनपर जाले दिखाई देते हैं। यह कीट पौधे के कोमल भागों का रस चूसकर कमज़ोर कर देते हैं जिसकी वजह से पौधे की बढ़वार पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

  • रासायनिक प्रबंधन: मिर्च की फसल में मकड़ी कीट के नियंत्रण के लिए प्रॉपरजाइट 57% EC @ 400 मिली/एकड़ या स्पाइरोमैसीफेन 22.9% SC @ 200 मिली/एकड़ या एबामेक्टिन 1.9% EC @ 150 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

  • जैविक उपचार: जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना@ 500 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

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26 जुलाई को इंदौर मंडी में क्या रहे प्याज के भाव?

onion Mandi Bhaw

वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 26 जुलाई के दिन इंदौर के मंडी में क्या रहे प्याज के मंडी भाव?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी लहसुन-प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

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पॉली हाउस, शेडनेट, जैविक खेती पर मिलेगी सब्सिडी, करें आवेदन

Subsidy will be available on poly house shade net organic farming

आधुनिक कृषि को बढ़ावा देने के साथ साथ किसानों की आमदनी बढ़ाने के उद्देश्य से पूरे देश में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना चलाई जा रही है। इस योजना के अंतर्गत किसानों को आधुनिक कृषि से जोड़ा जाता है और प्रोत्साहन भी दिया जाता है।

इसी क्रम में मध्यप्रदेश राज्य के उधानिकी व खाद्य प्रसंस्करण विभाग की तरफ से राज्य के कुछ चयनित जिले के किसानों से इस योजना के मद में आवेदन मांगे गए हैं। किसान ऑनलाइन आवेदन के माध्यम से योजना का लाभ उठा सकते हैं।

पॉली हाउस पर सब्सिडी: इसके तहत मध्य प्रदेश के कटनी व शिवपुरी जिले के किसानों से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। इसके अंतर्गत लाभार्थी किसान सभी वर्ग के हो सकते हैं और इन्हें 50% की सब्सिडी दी जायेगी।

शेडनेट हाउस पर सब्सिडी: इसके तहत मध्य प्रदेश के अनुपपुर, शहडोल, बालाघाट, भिंड व शिवपुरी जिले के किसानों से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं।
इसके अंतर्गत लाभार्थी किसान सभी वर्ग के हो सकते हैं और इन्हें 50% की सब्सिडी दी जायेगी।

जैविक खेती के लिए वर्मी कमपोस्ट HDPE बेड व अन्य के लिए सब्सिडी: इसके तहत मध्य प्रदेश के 12 जिले से आवेदन मांगे गए हैं। इन जिलों में अनुपपुर, उमरिया, कटनी, बालाघाट, सिवनी, शहडोल, नरसिंहपुर, भिंड, मुरैना, श्योपुर, शिवपुरी एवं निवाड़ी शामिल हैं। इस योजना में लाभार्थी किसान सभी वर्ग के हो सकते हैं। इस योजना में वर्मी कम्पोस्ट यूनिट लगाने के लिए 50% की सब्सिडी दी जाएगी।

स्रोत: किसान समाधान

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टमाटर में बेहतर फूल वृद्धि के लिए करें इन उपायों का उपयोग

What measures should be taken at the stage of flowering in the tomato crop
  • टमाटर की फसल में 35-40 दिनों की अवस्था में फूल आने प्रारम्भ हो जाते हैं।

  • टमाटर की फसल में फलों का उत्पादन, फूलों की संख्या पर बहुत अधिक निर्भर करता है। इसलिए इस समय फूलों को बचाना और फूल वृद्धि को बढ़ाना अति आवश्यक होता है।

  • नीचे दिए गए कुछ उत्पादों के द्वारा टमाटर की फसल में फूलों की संख्या को बढ़ाया जा सकता है और इसे गिरने से भी बचाया जा सकता है।

  • होमोब्रासिनोलॉइड 0.04% w/w 100-120 मिली/एकड़ या पेक्लोबुटाजोल 30 मिली/एकड़ का छिड़काव करें।

  • जिब्रेलिक एसिड @ 200 मिली/एकड़ छिड़काव के रूप में उपयोग करें।

  • इस समय फसल में कवक एवं कीटों का प्रकोप होने की सम्भावना अधिक होती है।

  • इस स्थिति में आवश्यकता अनुसार कवकनाशी एवं कीटनाशी का छिड़काव करें।

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किसान 31 जुलाई तक करवा ले अपनी फसलों का बीमा

Farmers should get their crops insured by July 31

बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि, सूखे जैसी प्राकृतिक आपदाओं की वजह से अक्सर किसानों की फसल प्रभावित होती है। किसानों को होने वाले इन्हीं नुकसानों से बचाता है प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना। देश के सभी राज्यों और जिलों के लिए फसल बीमा की अलग–अलग राशि अधिसूचित होती है।

बहरहाल बता दें की इस साल खरीफ फसलों के लिए सभी राज्यों में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत पंजीकरण की अंतिम तिथि निर्धारित कर ली गई है। यह तारिख 31 जुलाई तक निर्धारित की गई है। इस तिस्ठी के बाद किसी भी ऋणी या अऋणी किसानों का फसल बीमा नहीं किया जायेगा।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत नामांकन करवाने के लिए आप राष्ट्रीय फसल योजना एनसीआईपी के पोर्टल www.pmfby.gov.in पर जाएँ और ऑनलाइन आवेदन करें।

स्रोत: किसान समाधान

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सोयाबीन का हरी इल्ली के प्रकोप से करें बचाव

Control of green caterpillar in soybean crop
  • यह इल्ली वयस्क व्वस्था में मध्यम आकार एवं सुनहरा पीले रंग की होता है। इसके आगे के पंखों का रंग भूरा होता है जिस पर बड़ा सुनहरा तिकोना धब्बा होता है। इसके अंडे पीले रंग के एवं गोल होते हैं। नवजात इल्लियाँ हरे रंग की होती है वहीं पूर्ण विकसित इल्लियाँ 4 मि.मी. लम्बी होती हैं।

  • प्रकोप: अंडों से निकलने के बाद छोटी–छोटी इल्लियाँ, सोयाबीन के कोमल पत्तियाँ को खुरच कर खाती हैं। इसके अत्यधिक प्रकोप की स्थिति में पौधे का हरापन ख़त्म हो जाता है। जब आसमान में अधिक बादल होते हैं तब इस इल्ली का प्रकोप अधिक होता है। बड़ी इल्ली पहले सोयाबीन की पत्तियों में और बाद में फलियों में छेद करके दानो को नुकसान पहुँचाती है।

  • सोयाबीन की फसल को इस इल्ली से बचाने के लिए, तीन प्रकार यांत्रिक, रासायनिक एवं जैविक विधि से रोकथाम की जा सकती है।

  • यांत्रिक नियंत्रण: सोयाबीन की बुवाई के पहले गर्मियों में खेत की गहरी जुताई करें। इससे इस इल्ली के प्यूपा ज़मीन में ही नष्ट हो जाएगा। मानसून पूर्व बुवाई ना करें क्योंकि इससे इल्ली को अपनी संख्या बढ़ाने के लिए उचित तापमान मिल जाता है। बहुत अधिक घनी फसल की बुवाई ना करें। यदि कोई संक्रमित पौधा दिखाई दे तो उसे उखाड़ कर नष्ट कर दें। इल्ली के अच्छे नियंत्रण के लिए खेत में 10 नग प्रति एकड़ की दर फेरामोन ट्रैप स्थापित करें। इस ट्रैप में लगने वाला ल्युर हर 3 सप्ताह के अंतराल से बदलते रहना चाहिए।

  • रासायनिक नियंत्रण: प्रोफेनोफोस 40% + सायपरमेथ्रिन 4% EC @ 400 मिली/एकड़ या इमामेक्टिन बेंजोएट 5% SG @ 100 ग्राम/एकड़ या फ्लूबेण्डामाइड 20% WG @ 100 ग्राम/एकड़ या क्लोरानट्रानिलीप्रोल 18.5% SC @ 60 मिली/एकड़ का छिड़काव करें।

  • जैविक नियंत्रण: बवेरिया बेसियाना @ 500 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

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मध्य प्रदेश के ज्यादातर जिले में अगले दो दिन जारी रहेगी बारिश

Weather Update

मध्य प्रदेश के ज्यादातर जिले में अगले दो दिन जारी रहेगी बारिश उसके बाद थोड़ी कमी के बाद पुनः 28 जुलाई से बारिश बढ़ सकती है। दिल्ली सहित पंजाब हरियाणा उत्तर प्रदेश तथा पूर्वी भारत में मानसून के सक्रिय होने के आसार हैं। दक्षिण प्रायद्वीप में मानसून कमजोर बना रहेगा। महाराष्ट्र में जारी भारी बारिश में अब अभूतपूर्व कमी देखी जाएगी।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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