शुरू हुआ फसल सुरक्षा अभियान, जहाँ किसानों को समाधान संग मिलेगा आकर्षक इनाम

Gramophon's Fasal Suraksha Abhiyan

ग्रामोफ़ोन एप के समुदाय सेक्शन पर किसान भाइयों के लिए ‘फसल सुरक्षा अभियान’ की शुरुआत की गई है। इस अभियान में शामिल हो कर किसान भाई अपनी फसलों में आ रही समस्याओं के त्वरित समाधान तो प्राप्त करेंगे ही साथ हीं साथ हर हफ्ते आकर्षक इनाम भी जीत सकेंगे।

फसल सुरक्षा अभियान में कैसे भाग लें?
फसल सुरक्षा अभियान में भाग लेने के लिए किसानों को अपने फसल से सम्बंधित समस्याओं की फोटोज ग्रामोफ़ोन एप के समुदाय सेक्शन पर पोस्ट करनी है और अपने सवाल पूछने हैं। आपके द्वारा पोस्ट की गई फोटोज के माध्यम से आपको कृषि विशेषज्ञों द्वारा उचित और सटीक समाधान बताये जाएंगे। इसके साथ ही हर हफ्ते फोटोज पोस्ट करने वाले किसानों में से पांच किसान चुने जाएंगे और उन्हें आकर्षक पुरस्कार भी दिया जाएगा। यह अभियान 9 जुलाई से 29 जुलाई 2021 तक चलेगा।

तो देर किस बात की आज ही आप अपनी फसलों में आ रही समस्याओं की फोटोज ग्रामोफ़ोन एप के समुदाय सेक्शन पर पोस्ट करें और समाधान के साथ साथ इनाम भी जीतें।

अपनी फसल समस्याओं की फोटोज पोस्ट करने के लिए यहाँ क्लिक करें।

*नियम व शर्तें लागू

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खरतपतवारों की ऐसे करें पहचान, जानें इससे फसलों को होते हैं किस प्रकार के नुकसान

Know what kind of damage weed causes to crops

फसलों को होने वाले नुकसान में सबसे ज्यादा करीब 35 से 70 प्रतिशत तो सिर्फ खरपतवारों के प्रकोप से होता होता है। खरपतवार नैसर्गिक संसाधन जैसे प्रकाश, जगह, जल, वायु के साथ-साथ पोषक तत्व के लिये फसल से प्रतिस्पर्धा करते हैं और उपज में भारी कमी लाते हैं। खरपतवारों के अधिक प्रकोप के कारण फसल में रोगों का प्रकोप भी बहुत अधिक बढ़ जाता है।

फसल में तीन प्रकार के खरपतवार होते हैं

  • सकरी पत्ती/एक बीज़ पत्रीय खरपतवार: घास परिवार के खरपतवारों की पत्तियाँ, पतली एवं लम्बी होती हैं तथा इन पत्तियों पर समांतर धारियां पाई जाती हैं। यह एक बीज पत्रीय पौधे होते हैं। इनके उदाहरणों में सांवक (इकाईनोक्लोआ कोलोना) तथा कोदों (इल्यूसिन इंडिका) इत्यादि शामिल हैं।

  • चौड़ी पत्ती/दो बीज़ पत्रीय खरपतवार: इस प्रकार के खरपतवारों की पत्तियाँ प्राय: चौड़ी होती हैं। यह मुख्यत: दो बीजपत्रीय पौधे होते हैं। इनमें छोटी और बड़ी दूधी, फुलकिया, दिवालिया, बोखाना, जंगली चौलाई (अमरेन्थस बिरिडिस), सफेद मुर्ग (सिलोसिया अजरेन्सिया), जंगली जूट (कोरकोरस एकुटैंन्गुलस) आदि शामिल होते हैं।

  • वार्षिक खरपतवार: इन खरपतवारों की पत्तियां लंबी तथा तना तीन किनारे वाला ठोस होता है। इनकी जड़ों में गांठे (ट्यूबर) पाए जाते हैं जो भोजन इकट्ठा करके नए पौधों को जन्म देने में सहायक होते हैं। इनमे दूब, मोथा (साइपेरस रोटन्ड्स, साइपेरस स्पीशीज) इत्यादि शामिल होते हैं।

खरपतवार के कारण फसल की उपज बहुत प्रभावित होती है। फसल को दिए जाने वाले पोषक तत्व भी खरपतवार के द्वारा ग्रहण कर लिए जाते हैं। सामान्यतः खरपतवार फसलों को मिलने वाली 47% फास्फोरस, 50% पोटाश, 39% कैल्शियम और 34 मैग्नीशियम तक का उपयोग कर लेते हैं। जिससे फसल की उपज घट जाती है। इन खरपतवारों के कारण फसल पर कवक जनित रोगों और कीटों का प्रकोप भी बहुत अधिक होता है।

फसल की बुआई के साथ ही अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में पाते रहें स्मार्ट कृषि से जुड़ी सटीक सलाह व समाधान। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों संग साझा करें।

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10 जुलाई को क्या रहे इंदौर मंडी में क्या रहे प्याज के भाव?

What were the prices of onions in Indore's mandi today

वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 10 जुलाई के दिन इंदौर के मंडी में क्या रहे प्याज के मंडी भाव?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी लहसुन-प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

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इस स्कीम में एक बार प्रीमियम चुकाएं और 12000 रुपये मासिक पेंशन पाएं

LIC's Saral Pension Plan

एलआईसी की सरल पेंशन योजना एक सिंगल प्रीमियम योजना है जिसमें सिर्फ एक बार प्रीमियम जमा कर पूरे जीवन में आप एक निश्चित पेंशन राशि प्राप्त कर सकते हैं। यह योजना भारतीय जीवन बीमा निगम ने 1 जुलाई 2021 को शुरू की है।

इस स्कीम को आप ऑफलाइन या ऑनलाइन www.licindia.in की ऑफिसियल वेबसाइट से खरीद सकते हैं। इस पेंशन प्लान के अंतर्गत मिनियम एन्यूटी 12000 रुपये सालाना है। इस प्लान में अधिकतम खरीद मूल्य की कोई सीमा नहीं है। वहीं योजना 40 से 80 साल की आयु के लिए उपलब्ध है। मासिक पेंशन का फायदा प्राप्त करने के लिए आपको कम से कम 1000 रुपये का योगदान करना होगा। त्रिमासिक पेंशन के लिए यह रकम 3000 रुपये है।

स्रोत: नवभारत टाइम्स

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सोयाबीन में हो रहा है पत्ती धब्बा रोग का प्रकोप, जानें नियंत्रण के उपाय

Control of leaf spot disease in Soybean Crop
  • इस बीमारी के लक्षण सर्वप्रथम घनी बोई गयी फसल में, पौधे के निचले हिस्सों दिखाई देते हैं। इसके कारन रोगग्रस्त पौधे पर पर्णदाग, पत्ती झुलसन अथवा पत्तियों के गिरने आदि के लक्षण नजर आते हैं।

  • पत्तियों पर असामान्य गीले धब्बे दिखाई देते हैं, जो की बाद में भूरे या काले रंग में परिवर्तित हो जाते हैं एवं संपूर्ण पत्ती झुलस जाती है।

  • पर्णवृंत, तना, फली पर भी भूरे धब्बे दिखाई देते हैं। फली एवं तने के ऊतक संक्रमण पश्चात भूरे अथवा काले रंग के होकर सिकुड़ जाते हैं।

  • पौधों के रोगग्रस्त भागों पर नमी की उपस्थिति में, सफेद और भूरे रंग की संरचनाए दिखाई देती है।

  • इस रोग के निवारण के लिए क्लोरोथियोनिल @ 400 ग्राम/एकड़ या कार्बेन्डाज़िन 12% + मैनकोज़ब 63% WP@ 300 ग्राम/एकड़ या कीटाजीन@ 200 मिली/एकड़ दर छिड़काव करें।

  • जैविक उत्पाद के रूप में ट्रायकोडर्मा विरिडी 250 ग्राम/एकड़ + स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस@ 250 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

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बुआई के बाद मक्का की फसल में जरूर करें खरपतवार प्रबंधन

Weed management after sowing in maize crop

फसल चाहे कोई भी हो खरपतवार की अधिकता से पैदावार में कमी आ ही जाती है। अन्य सभी फसलों की तरह मक्के की फसल में भी खरपतवारों के कारण पैदावार में भारी कमी आती है। समय रहते खरपतवारों पर नियंत्रण करना बेहद जरूरी है। अगर आप मक्के की खेती कर रहे हैं तो आपके खेत में भी कई तरह के खरपतवार हो सकते हैं।

मक्का की फसल में खरपतवार प्रबंधन की यांत्रिक विधि: मक्का की खेती में निदाई और गुड़ाई की खास भूमिका है। इससे खरपतवार को अच्छी तरह से नियंत्रित किया जा सकता है। इसके लिए मक्का की खेती करने वाले किसान को, मक्का में 2 से 3 बार निदाई और गुड़ाई करना चाहिए। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि गुड़ाई कभी भी 4 से 5 सेमी से ज्यादा गहरी न करें। ऐसा इसलिए, क्योंकि अगर गहरी गुड़ाई करते हैं तो इससे फसल की जड़ को नुकसान पहुँचती है या इससे जड़ें कट भी सकती हैं। पहली निदाई, बुवाई के 15 दिन बाद करें और दूसरी निदाई लगभग 40 दिन बाद करें।

1 -3 दिनों में खरपतवार नियंत्रण: बुवाई के दूसरे या तीसरे दिन, अंकुरण से पूर्व खरपतवारनाशी का प्रयोग करने से खरपतवार नष्ट हो जाते हैं। मक्का में उगने वाले खरपतवार, सामन्यतः वार्षिक घास एवं सकरी एवं चौड़ी पत्तियों वाली खरपतवार होती है।

मक्का में निम्न खरपतवारनाशकों का उपयोग किया जा सकता है
पेंडीमेथलीन 38.7 @ 700 मिली/एकड़(1 से 3 दिनों बाद) की दर से छिड़काव करें या एट्राजिन 50% WP @ 500 ग्राम/एकड़ (3 से 5 दिनों बाद) छिड़काव करें। यदि दलहनी फसलों को मक्का में मध्यवर्ती फसलों के रूप में उगाया जाता है तो एट्राजीन का उपयोग न करें। इसके स्थान पर पेंडीमेथलीन का ही उपयोग करें।

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मध्य भारत में जोरदार बारिश की संभावना, जानें कहाँ कहाँ होगी बारिश

weather forecast

मध्य भारत के ज्यादातर क्षेत्रों में मानसून की भारी बारिश की संभावना बन रही है। अन्य क्षेत्रों में भी मानसून का इंतजार खत्म होने वाला है। दिल्ली सहित उत्तर पश्चिम भारत के कई राज्यों में तेज बारिश की संभावना है। 11 जुलाई से देश के अधिकांश राज्यों में मानसून की बारिश जोर पकड़ेगी। अब तक जो मानसून की कमी खल रही थी वह धीरे-धीरे पूरी हो जाएगी तथा फसलों को भी राहत मिलने की संभावना है।

वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर

मौसम सम्बंधित पूर्वानुमानों की जानकारियों के लिए रोजाना ग्रामोफ़ोन एप पर जरूर आएं। नीचे दिए गए शेयर बटन को क्लिक कर इस लेख को अपने मित्रों के साथ भी साझा करें।

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9 जुलाई को मध्य प्रदेश की मंडियों में क्या रहे अलग अलग फसलों के भाव

Mandi Bhaw Madhya Pradesh

मंडी

फसल

न्यूनतम

अधिकतम

रतलाम _(नामली मंडी)

गेहूँ लोकवन

1666

1765

रतलाम _(नामली मंडी)

यलो सोयाबीन

6500

7400

रतलाम _(जावरा मंडी)

मका

1571

1687

रतलाम _(जावरा मंडी)

उरद

3251

5980

रतलाम _(जावरा मंडी)

सोयाबीन

7000

7550

रतलाम _(जावरा मंडी)

गेहूँ

1650

2120

रतलाम _(जावरा मंडी)

चना

4121

4600

रतलाम _(जावरा मंडी)

मसूर

5200

5700

रतलाम _(जावरा मंडी)

धनिया

5000

6500

रतलाम _(जावरा मंडी)

मेथी

5001

7200

रतलाम _(जावरा मंडी)

अलसी

6000

7201

रतलाम _(जावरा मंडी)

सरसो

6101

6401

रतलाम _(जावरा मंडी)

डॉलर चना

4501

8000

रतलाम _(नामली मंडी)

लहसून

1500

9801

रतलाम _(जावरा मंडी)

प्याज

700

2101

रतलाम _(जावरा मंडी)

लहसून

2001

9600

रतलाम_एपीएमसी

प्याज

850

2142

रतलाम_एपीएमसी

लहसून

1100

8401

रतलाम _(सेलाना मंडी)

सोयाबीन

6800

7471

रतलाम _(सेलाना मंडी)

गेहूँ

1600

2421

रतलाम _(सेलाना मंडी)

चना

4540

4699

रतलाम _(सेलाना मंडी)

रायडा

5501

5811

रतलाम _(सेलाना मंडी)

मटर

2402

4570

रतलाम _(सेलाना मंडी)

मेधी दाना

5700

5700

रतलाम _(सेलाना मंडी)

मसूर

4700

5291

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9 जुलाई को क्या रहे इंदौर मंडी में प्याज के भाव?

What were the prices of onions in Indore's mandi today

वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 9 जुलाई के दिन इंदौर के मंडी में क्या रहे प्याज के मंडी भाव?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

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धान की मिलिंग पर 200 रुपए प्रति क्विंटल तक की राशि देने का ऐलान

Announcement to give up to Rs 200 per quintal on milling of paddy

किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदी गई धान की मिलिंग प्रक्रिया में आ रही समस्या का समाधान मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में पिछले दिनों निकाल लिया गया। बता दें की खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में प्रदेश में किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदी गई 37 लाख 26 हजार मी. टन धान की मिलिंग होनी है। 

मिलिंग प्रक्रिया को तेज करने के उद्देश्य से प्रदेश में मिलिंग की मान्य दर 50 रूपये प्रति क्विंटल के साथ अपग्रेडेशन राशि मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन एवं भारतीय खाद्य निगम को चावल परिदान के विभिन्न विकल्पों अनुसार केवल खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 मिलिंग के लिए 50 रूपये से 200 रूपये प्रति क्विंटल तक देने का निर्णय लिया गया। इस बैठक में यह भी निश्चित किया गया की सीमावर्ती राज्यों के मिलर से भी मिलिंग का कार्य करवाया जाएगा।

स्रोत: कृषक जगत

कृषि एवं किसानों से सम्बंधित लाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।

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