मध्य प्रदेश समेत इन राज्यों में फिर तापमान में होगा इजाफा
मध्य भारत के ज्यादातर राज्य में पिछले 24 घंटे में मौसम शुष्क बना हुआ है। इन राज्यों में मध्यप्रदेश, गुजरात, दक्षिणी राजस्थान शामिल हैं। हालांकि विदर्भ के कुछ इलाकों में और छत्तीसगढ़ में बारिश की गतिविधियां देखने को मिली। अब विदर्भ और आसपास के इलाकों में मौसम साफ़ रहेगा और इन इलाकों में गर्मी बढ़ेगी। अगले 2-3 दिनों में इन इलाकों में तापमान 40 डिग्री के ऊपर बने रहने की संभावना है।
स्रोत : स्काईमेट वीडियो
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सरसों के भाव में जबरदस्त उछाल, पिछले सात साल में सबसे उच्च स्तर पर
वर्तमान में सरसों का सीजन होने के बाद भी इसके भाव में तेजी देखने को मिल रही है। राजस्थान के भरतपुर में बुधवार को आंबेडकर जयंती होने की वजह से मंडी बंद थी। इस दौरान जो रखे हुए सौदे हुए उसमें सरसों के भाव 6500 रुपए क्विंटल पहुँच गए जो पिछले सात साल में अपने उच्चतम स्तर पर हैं।
बता दें की पिछले साल सरसों के अधिकतम भाव 6400 रुपए हुए थे वो भी दिसंबर-जनवरी के दौरान पर इस बार सीजन में ही भाव में जबरदस्त उछाल आ गया है। मंडी एक्सपर्ट बताते हैं की आने वाले दिनों में सरसों के भाव और बढ़ेंगे और यह 7000 रुपए तक भी जा सकते हैं।
स्रोत: भास्कर
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जिंक एवं विटामिन पशुओं के लिए है काफी जरूरी
जिंक पशुओं में कई एंजाइम के निर्माण में मदद करता है। इसकी कमी से पशुओं में प्रोटीन संश्लेषण में कमी एवं कार्बोहाइड्रेट के उपापचय में बाधा उत्पन्न होने लगती है तथा त्वचा संबंधी विकार जैसे त्वचा रूखी, कड़ी एवं मोटी हो जाती है।
विटामिन ई एवं सेलेनियम पशुओं के वृद्धि एवं प्रजनन के लिये बहुत ही आवश्यक खनिज होते हैं। विटामिन ई एवं सेलेनियम दोनों ही शरीर को रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करते हैं।
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इस योजना से 1 करोड़ तक का ऋण लें और अपना व्यवसाय शुरू करें
सरकार द्वारा चलाई जा रही स्टैंड-अप इंडिया योजना से आप खुद का व्यवसाय शुरू कर सकते हैं और इसके लिए आपको अधिकतम 1 करोड़ रुपये तक का ऋण मिल सकता है।
साल 2016 में शुरू की गई इस योजना से आर्थिक दृष्टि से कमजोर किसी भी अनुसूचित जाति, जनजाति या महिला को अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए 10 लाख से 1 करोड़ रुपए तक का ऋण दिया जाता है।
इस योजना के अंतर्गत ऋण अवधि 7 महीने से 18 महीने तक का होता है और SC / ST तथा महिला उद्यमी के लिए न्यूनतम आयु सीमा 18 वर्ष है। इसके अंतर्गत पहली बार व्यवसाय खोलने के लिए ही ऋण मिलता है।
स्रोत: कृषि जागरण
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सुपर फसल प्रोग्राम से मिट्टी परीक्षण के साथ मिलेंगे कई और फायदे
मिट्टी की उत्पादन क्षमता उसकी उर्वरा सकती पर निर्भर करती है। पौधे अपने विकास और बढ़वार के लिए आवश्यक पोषक तत्व मिट्टी से प्राप्त करते हैं, इसीलिए मिट्टी का पोषक तत्वों से परिपूर्ण रहना बहुत महत्वपूर्ण होता है। आपकी खेत की मिट्टी पोषक तत्वों से परिपूर्ण या नहीं इसकी जानकारी आपको मिट्टी परीक्षण से मिलती है। पर सिर्फ मिट्टी परीक्षण से ही मिट्टी से संबंधित हर समस्या का निदान नहीं हो सकता है इसीलिए आपको ग्रामोफ़ोन के सुपर फसल प्रोग्राम से जुड़ना होगा।
सुपर फसल प्रोग्राम के अंतर्गत आपको एक साथ कई लाभ मिलेंगे। इसमें मिट्टी परीक्षण तो होगा ही साथ ही आपके द्वारा लगाई जाने वाली अगली फसल के लिए कृषि विशेषज्ञों की टीम द्वारा कृषि कार्यमाला सूची तैयार की जाएगी। इस सूची में आपको फसल बुआई से लेकर कटाई तक की सम्पूर्ण कार्यमाला दी जाएगी। साथ ही आपको समय समय पर कृषि विशेषज्ञों के सलाह भी मिलते रहेंगे।
सुपर फसल प्रोग्राम से मिलने वाले फायदे
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मिट्टी का नमूना लेने आपके खेत पर जाएंगे ग्रामोफ़ोन के प्रतिनिधि।
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आपके खेत की मिट्टी का मध्य प्रदेश के सबसे विश्वसनीय मृदा परीक्षण संस्थान से घर बैठे होगा परीक्षण।
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मिट्टी के नमूने का परीक्षण रिपोर्ट आने के बाद आपकी अगली फसल के आधार पर कृषि कार्यमाला सूची तैयार की जाएगी।
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परीक्षण रिपोर्ट और कृषि कार्यमाला सूची की घर पहुँच सेवा दी जाएगी।
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पूर्ण फसल चक्र में कृषि विशेषज्ञों की सलाह व निरीक्षण की सुविधा मिलेगी।
Shareतो अब सोचना क्या, तुरंत सुपर फसल प्रोग्राम के अंतर्गत ऑर्डर करें और पाएं अपनी खेत की मिट्टी से बंपर मुनाफा। ऑर्डर करने के लिए 18003157566 पर मिस्ड कॉल करें या फिर बाजार सेक्शन में जाएँ।
आ गई है कोरोना की दूसरी लहर, जानें बचाव के उपाय, अन्य लोगों को भी जागरूक करें
कोरोना एक वायरस है जिसके संक्रमण की वजह से करीब एक साल से भी ज्यादा समय से वैश्विक महामारी फैली हुई है। इसने पूरी दुनिया को अपने गिरफ्त में ले लिया है। यह महामारी भारत में भी फैली हुई है और फिलहाल यह भारत के लगभग सभी राज्यों में असर दिखा रहा है। हालांकि इसकी वैक्सीनेशन भी अब शुरू हो चुकी है परन्तु इसके बाद भी आपको इससे सम्बंधित हर जानकारी और बचाव के उपाय पता होने चाहिए।
कैसे होता है कोरोना का संक्रमण?
कोरोना एक वायरस है और इसके संक्रमण में आये व्यक्ति के माध्यम से ही यह दूसरे व्यक्तियों को संक्रमित करता है।
संक्रमण से बचने के लिए क्या करें?
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कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए आपको अपने हाथ को साबुन से धोना चाहिए।
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साबुन न हो तो आप 60% अल्कोहल वाले सेनेटाइजर से भी अपने हाथ साफ़ कर सकते हैं।
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आपके मुंह, आँख और नाक से ही कोरोना वायरस आप में प्रवेश कर सकता है इसलिए अपने हाथों से अपने मुंह, आँख और नाक को छूने से बचना चाहिए।
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इसका संक्रमण संक्रमित व्यक्ति से होता इसलिए जब तक इस पर काबू ना पाया जा सके तब तक आपको किसी भी व्यक्ति से 6 फिट की दूरी पर रहना चाहिए साथ ही मास्क भी जरूर पहनना चाहिए।
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शुरूआती दिनों में संक्रमित व्यक्ति को भी यह पता नहीं होता है की वो संक्रमित है पर उससे यह संक्रमण दूसरे में फैलता रहता है इसलिए सरकार सोशल डिस्टेंसिंग यानी लोगों से दूर दूर रहने को कह रही है।
देश के सभी लोगों वैक्सीनेशन होने में समय लगेगा इसलिए अभी भी इसके फैलाव को रोकने के लिए सरकार मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, लॉकडाउन और कर्फ्यू का पालन करने को कह रही है। अतः सरकार के द्वारा उठाये जा रहे क़दमों में अपनी सहभागिता दर्ज करवाएं और कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकें।
Shareअगले 24 घंटे में मध्य प्रदेश के इन क्षेत्रों में होगी हल्की बारिश, जाने मौसम पूर्वानुमान
अगले 24 घंटों में मध्य प्रदेश के साथ साथ छत्तीसगढ़, विदर्भ, मराठवाड़ा और मध्य महाराष्ट्र के कई इलाकों में बारिश होने की संभावना है। हालांकि इन सभी जगहों पर बारिश रुक रुक कर होगी। मध्य प्रदेश के पूर्वी, पश्चिमी और दक्षिणी जिलों में बारिश की गतिविधियां हल्की रहेगी। वहीं मध्य प्रदेश के उत्तरी जिले शुष्क बने रहने की संभावना है।
स्रोत : स्काईमेट वीडियो
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जीवाणु अंगमारी के फसलों पर ऐसे होते हैं लक्षण, जानें बचाव के उपाय
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इस रोग की वजह से फसल की पत्तियों के सतह पर भूरे, सूखे और उभरे हुए धब्बे बन जाते हैं।
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पत्तियों की सतह पर ये धब्बे लाल रंग के सदृश्य पाए जाते हैं।
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जब रोग का प्रकोप बढ़ता है तो ये धब्बे आपस में मिल जाते हैं, पत्तियां पीली पड़ जाती हैं और आखिर में ये पत्तियां समय से पहले झड़ जाती हैं।
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इससे नियंत्रण हेतु स्ट्रेप्टोमाइसिन सल्फेट आईपी 90% + टेट्रासाइक्लिन हाइड्रोक्लोराइड 10% w/w @ 20 ग्राम प्रति एकड़ या कसुगामाइसिन 3% SL @ 300 मिली प्रति एकड़ 200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
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या फिर कसुगामाइसिन 5% + कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 45% WP @ 250 ग्राम प्रति एकड़ 200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
Shareअपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में रोगों व कीटों के प्रकोप की समयपूर्व जानकारी प्राप्त करते रहें । इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने किसान मित्रों से भी करें साझा।
लहसुन के भंडारण के समय जरूर बरतें ये सावधानियां
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आजकल सभी स्थानों पर लहसुन की कटाई लगभग पूर्ण हो चुकी है और किसान लहसुन को भंडारित करके रख रहे हैं।
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लहसुन का भंडारण करने की स्थिति में किसान को कुछ सावधानियां बरतनी बहुत जरूरी होती है।
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भंडारण के पहले लहसुन को धूप में अच्छे से सुखा लें। ऐसा करने से लहसुन में नमी बिलकुल खत्म हो जाएगी। दरअसल थोड़ी भी नमी होने से लहसुन के ख़राब होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
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यदि आपके पास पर्याप्त जगह हो और आप लहसुन को ज्यादा समय तक सुरक्षित रखना चाहते हों तो तने से कंद को न काटें, जब जरूरत हो तभी काटें। उन्हें एक गुच्छे में बांध कर फैला कर रख दें।
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यदि कटाने की आवश्यकता हो तो सबसे पहले उन्हें 8-10 दिन तक तेज धूप में सूखने दें।
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लहसुन के कंद की जड़ को तब तक सूखने दें जब तक जड़े बिखर न जाए।
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इसके बाद कंद से तने के बीच में 2 इंच की दूरी रख कर ही काटें ताकी उनकी परत हटने पर कली ना बिखरे और कंद ज्यादा समय तक सुरक्षित रहे।
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कई बार कुदाली या फावड़े से कंद को चोट लग जाती है। लहसुन के कंद की छटाई करते वक्त दाग लगे हुए कंद को अलग निकाल दें, बाद में इन्हीं दागी कंदो में सड़न पैदा हो कर अन्य दूसरे कंदों में भी सड़न फैल जाती है।
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