Verticillium wilt of cotton

 

  • प्रारंभिक अवस्था में संक्रमित पौधे गंभीर रूप से प्रभावित होते हैं।
  • लक्षण पत्तियों की शिराओ का कांसे के जैसे रंग में परिवर्तित होना हैं
  • अंत में पत्तियां सूख कर झुलसे के सामान लगती है।
  • इस स्तर पर, विशिष्ट लक्षण देखने को मिलता हैं जिसे “टाइगर स्ट्राइप” या “टाइगर क्लॉ” कहते हैं।
  • ग्रसित पत्तिया झड़ जाती हैं तथा रोग के लक्षण तनो एवं जड़ो पर भी दीखते हैं |

 

 

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Control of Fusarium wilt in cotton crop

  • छ: वर्षीय फसल चक्र अपनाए|
  • गर्मी के दिनों में गहरी जुताई (6-7 इन्च) करके खेत को समतल करे |
  • रोग मुक्त बीज का प्रयोग करे |
  • रोग प्रतिरोधी किस्में लगाये|
  • कार्बोक्सीन 37.5 % + थायरम 37.5 % @ 3 ग्राम/किलो बीज या ट्रायकोडर्मा विरिडी @  5 ग्राम/किलो बीज से बीज उपचार करे |
  • माइकोराइज़ा @ 4 किलो प्रति एकड़ 15 दिन की फसल में भुरकाव करें|
  • फूल आने से पहले थायोफिनेट मिथाईल 75% @ 300 ग्राम/एकड़ का स्प्रे करें|
  • फली बनते समय प्रोपिकोनाज़ोल 25% @ 125 मिली/ एकड़ का स्प्रे करें|

 

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Symptoms of Fusarium wilt in cotton

  • इस रोग का  रोग कारक फ्यूसेरियम ऑक्सीस्पोरम एफ.एस.पी. हैं 
  • कपास में होने वाले सभी रोगो में यह एक मुख्य रोग के रूप में देखा जाता हैं ।
  • इस रोग में पत्तिया किनारो से मुरझाना शुरू करती हैं तथा मुख्य शिरा की ओर मुरझाती चली जाती हैं | 
  • पत्तियों की शिराये गहरी, संकरी और धब्बे वाली हो जाती हैं। तथा अंत में पौधा सुख कर मर जाता हैं | 
  • इस  रोग का मुख्य लक्षण जड़ो के पास वाले तने का अंदर से क्षतिग्रस्त होना हैं।

 

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How to control early blight of potato

इस बीमारी के नियंत्रण के लिए किसी एक फफूंदनाशक का छिड़काव करें

  • कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोजेब 63% @ 300 ग्राम/एकड़ | 
  • थियोफैनेट मिथाइल 70% डब्ल्यूपी @ 250 ग्राम/एकड़ | 
  • क्लोरोथ्रोनिल 75% WP @ 250 ग्राम/एकड़ | 
  • कसुगामाइसिन 5% + कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 46% WP @ 300 ग्राम/एकड़ | 

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Early blight of potato

  • फफूंद का पत्तियों पर आक्रमण होने पर धब्बों का निर्माण होने लगता है| 
  • उत्पन्न धब्बे छोटे, हल्के-भूरे रंग के एवं पुरी पत्तियों पर फैले हुए होते है| 
  • पूर्ण विकसित धब्बे नियमित, संकेन्द्रीय भूरे, काले रंग के एवं 2-5 मिमी. आकार के होते है| 
  • पौधों में इस रोग के लक्षण नीचे की पुरानी पत्तियों से शुरू होकर धीरे- धीरे ऊपर की तरफ बढ़ते है|

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Control of brown plant hopper in paddy crop

  • ऐसीफेट 75% एसपी @ 300 ग्राम / एकड़ (या)
  • क्लोरपायरीफॉस 20% ईसी @ 500 -1000 मिली / एकड़ (या)
  • कार्बोफ्यूरान 3 जी @ 7.5 किग्रा / एकड़ (या)

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Brown plant hopper in Paddy crop

  • अर्ध चंद्र के आकर का अंडा, वयस्क द्वारा पत्तीयों की मुख्य शिरा के पास दिया जाता हैं | 
  • निम्फ का रंग सफ़ेद से हल्का भूरा रहता हैं |
  • इस कीट का निम्फ और व्यस्क जो की भूरे से सफेद रंग का होता हैं वह पौधे के तने के आधार के पास रहता हैं तथा वही से पौधे को नुकसान पहुँचता हैं |  
  • प्लांटहॉपर द्वारा किया गया नुकसान पौधे में पीलेपन के रूप में दिखता हैं |
  • अधिक जनसंख्या होने पर हॉपरबर्न के लक्षण नजर आते हैं इस स्थिति में फसल से शत प्रतिशत हानि हो जाती हैं |

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How to Control Root-Knot Nematode in Tomato

  • प्रतिरोधक किस्मों को उगाये|
  • ग्रीष्म ऋतू में भूमि की गहरी जुताई करें|
  • नीम खली 80 किलो प्रति एकड़ की दर से देना चाहिए|
  • कार्बोफ्युरोन 3% G 8 किलो प्रति एकड़ की दर से देना चाहिए|
  • पेसिलोमाइसेस लिलासिनास -1% डब्ल्यूपी, बीज उपचार के लिए 10 ग्राम / किलोग्राम बीज, 50 ग्राम / मीटर वर्ग नर्सरी उपचार, 2.5 से 5 किलो / हेक्टेयर जमीन से देने के लिए 

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Root-Knot Nematode in Tomato

हानि:-

  • पत्तियों का रंग हल्का पीला हो जाता है|
  • सूत्रकृमि से ग्रसित पौधों की वृद्धि रुक जाती है एवं पौधा छोटा ही रहता है| अधिक संक्रमण होने पर पौधा सुखकर मर जाता है|

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Control of Fusarium wilt in cotton crop

  • छ: वर्षीय फसल चक्र अपनाए|
  • गर्मी के दिनों में गहरी जुताई (6-7 इन्च) करके खेत को समतल करे |
  • रोग मुक्त बीज का प्रयोग करे |
  • रोग प्रतिरोधी किस्में लगाये|
  • कार्बोक्सीन 37.5 % + थायरम 37.5 % @ 3 ग्राम/किलो बीज या ट्रायकोडर्मा विरिडी @  5 ग्राम/किलो बीज से बीज उपचार करे |
  • माइकोराइज़ा @ 4 किलो प्रति एकड़ 15 दिन की फसल में भुरकाव करें|
  • फूल आने से पहले थायोफिनेट मिथाईल 75% @ 300 ग्राम/एकड़ का स्प्रे करें|
  • फली बनते समय प्रोपिकोनाज़ोल 25% @ 125 मिली/ एकड़ का स्प्रे करें|

 

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