Land Preparation for Watermelon Cultivation

तरबूज की खेती के लिए खेत की तैयारी:-

  • तरबूज की खेती सभी प्रकार की मृदा मे की जा सकती है लेकिन हल्की, रेतीली एवं उर्वर दोमट मृदा उत्तम होती है|
  • मृदा में कार्बनिक पदार्थों की उपस्थिति महत्वपूर्ण होती है इसकी पूर्ति के लिए हरी खाद, कम्पोस्ट, केंचुआ की खाद इत्यादि को जुताई के समय मिला देना चाहिये |
  • खेत की अच्छी तैयारी के लिए पहले गहरी जुताई करे फिर हैरो चलाये जिससे जमीन भुरभुरी हो जाए|
  • हल्का ढाल दक्षिण दिशा की और रखना हैं|
  • खेत में से घास फुस साफ़ करें|
  • लेवलर से खेत को समतल करें और 2 मी. की दूरी पर मेड़ बनाये |

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Irrigation Management of Wheat

गेहू मे सिंचाई प्रबंधन:-

  • अच्छी फसल की प्राप्ति के लिए समय पर सिंचाई करना बहुत जरुरी होता है।
  • फसल में गाभा के समय और दानो में दूध भरने के समय सिंचाई करनी चाहिए।
  • ठंड के मौसम में अगर वर्षा हो जाये तो सिंचाई कम भी कर सकते है
  • कृषि वैज्ञानिको के मुताबिक जब तेज हवा चलने लगे तब सिंचाई को कुछ समय तक रोक देना चाहिए।
  • कृषि वैज्ञानिको का ये भी कहना है की खेत में 12 घंटे से ज्यादा देर तक पानी जमा नहीं रहने देना चाहिए ।
  • गेहूँ की खेती में पहली सिंचाई बुआई के लगभग 25 दिन बाद करनी चाहिए।
  • दूसरी सिंचाई लगभग 60 दिन बाद और तीसरी सिंचाई लगभग 80 दिन बाद करनी चाहिए।

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