-
दीमक एक पोलीफेगस कीट होता है जिसका मतलब यह होता है की यह सभी फसलों को बर्बाद कर सकता है।
-
दीमक भूमि के अंदर फैली पौधों की जड़ों को बहुत नुकसान पहुँचाता है। इसका प्रकोप अधिक होने पर ये तने को भी नुकसान पहुंचाता है।
-
आलू, टमाटर, मिर्च, बैंगन, फूल गोभी, पत्ता गोभी, सरसों, राई, मूली, गेहू आदि फसलों को यह सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है।
-
इस कीट के नियंत्रण के लिए निम्र प्रबंधन करना जरूरी है।
-
बीजों को कीटनाशकों के द्वारा बीज़ उपचार करके ही बोना चाहिए।
-
कीट नाशक मेट्राजियम से मिट्टी उपचार अवश्य करना चाहिए।
-
कच्ची गोबर की खाद का उपयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि कच्चा गोबर इस कीट का मुख्य भोजन है।
-
दीमक को नियंत्रित करने के लिए क्लोरपायरीफोस 20% EC @ 1 लीटर को 4 किलो रेत में मिलाकर प्रति एकड़ खेत में बुआई के समय डालना चाहिए।
Shareकृषि क्षेत्र की महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज की जानकारी पसंद आई हो तो शेयर करना ना भूलें।