इस रोग की शुरूआती अवस्था में पत्तियों की निचली सतह पर भूरे धब्बे दिखाई देते हैं। ख़ास कर के पुरानी पत्तियां जो कि भूमि के समीप होती हैं, इस रोग से ज्यादा प्रभावित होती हैं। जैसे-जैसे रोग बढ़ता है, पत्तियां सूख कर भूरी हो कर मुड़ जाती हैं। गंभीर संक्रमण की स्थिति में पत्तियां पूरी तरह झड़ जाती हैं और पत्तियों की ऊपरी सतह पर भी धब्बे देखे जा सकते हैं। यह रोग नीचे से ऊपर की पत्तियों की तरफ बढ़ता है और तना और फलों को भी संक्रमित करता है।
नियंत्रण: यदि इसका हमला देखा जाए तो एम -45 (मैनकोजेब 75% WP) 400 ग्राम/एकड़ की दर 200 लीटर पानी में मिला कर छिड़काव करें।
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