भिंडी की फसल में 15 दिन की अवस्था में पोषक तत्व प्रबंधन!

भिंडी की फसल में बुवाई के 15 से 20 दिन की अवस्था में, यूरिया @ 50 किग्रा + कोसावेट (सल्फर 90% डब्ल्यूजी) @ 5 किग्रा + जिंक सल्फेट @ 5 किग्रा + कैल्बोर 5 किग्रा,  को आपस में मिलाकर एक एकड़ क्षेत्र के हिसाब से भुरकाव करें एवं हल्की सिंचाई करें। 

उपयोग के फायदे 

  • यूरिया: फसल में यूरिया नाइट्रोज़न की पूर्ति का सबसे बड़ा स्रोत है। इसके उपयोग से, पत्तियों में पीलापन एवं सूखने की समस्या नहीं आती है। यूरिया प्रकाश संश्लेषण की क्रिया को भी तेज़ करता है।

  • ज़िंक: जिंक भिंडी के पौधों में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और क्लोरोफिल निर्माण में मदद करता है। जो चयापचय प्रतिक्रियाओं को चलाने के लिए जिम्मेदार होता है। इससे उत्पादन के साथ-साथ फसल की गुणवत्ता में भी वृद्धि होती है। जिंक के अलावा, इससे फसलों को सल्फर की उपलब्धता भी होती है एवं सल्फ़र फल निर्माण में भी सहायक होता है। साथ ही सल्फर प्रोटीन निर्माण में भी मदद करता है।

  • कैलबोर: कैलबोर में कैल्शियम + बोरोन होते हैं जो पोषण, विकास, प्रकाश संश्लेषण, शर्करा के परिवहन और कोशिका भित्ति निर्माण के लिए आवश्यक होते हैं।

कृषि क्षेत्र एवं किसानों से सम्बंधित ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। आज की जानकारी पसंद आई हो तो इसे अपने मित्रों संग  शेयर करना ना भूलें।

Share

See all tips >>