- सोयाबीन की फसल में बुआई के 25 से 30 दिनों बाद कीट, रोग एवं पोषण प्रबंधन करना बहुत आवश्यक हो जाता है।
- बुआई बाद सोयबीन की फसल में कवक जनित रोग जैसे अल्टरनेरिया लीफ स्पॉट, जीवाणु धब्बा रोग आदि के निवारण के लिए कार्बनडेंजिम 12% + मैंकोजेब 63% WP @ 300 ग्राम/एकड़ या ट्रायकोडर्मा विरिडी @ 500 ग्राम/एकड़ की दर छिड़काव करें।
- सोयाबीन की फसल में होने वाले कीट जैसे तना छेदक एवं पत्ती छेदक आदि का भी प्रकोप होता है। इन कीटों के नियंत्रण के लिए लैंबडा साइहलोथ्रिन 4.9 CS@ 200 मिली/एकड़ या प्रोफेनोफोस 50% SC@ 500 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
- सोयाबीन की फसल की अच्छी वृद्धि एवं विकास के लिए सी वीड @ 400 मिली/एकड़ या एमिनो एसिड @ 300 मिली/एकड़ या जिब्रेलिक एसिड@ 300 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
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