मकड़ीछोटे एवं लाल रंग के होते हैं और फ़सलों के कोमल भागों जैसे पत्ती, फूल कली एवं टहनियों पर भारी मात्रा में पाए जाते हैं।
जिन पौधों पर मकड़ी का प्रकोप होता है उस पौधे पर जाले दिखाई देते हैं। यह कीट पौधे के कोमल भागों का रस चूसकर उनको कमज़ोर कर देते हैं एवं अंत में इसकी वजह से पौधा मर जाता है।
मिर्च की फसल में मकड़ी के नियंत्रण के लिए निम्र उत्पादों का उपयोग किया जाता है।
प्रोपरजाइट 57% EC @ 400 मिली/एकड़ या स्पाइरोमैसीफेन 22.9% SC @ 200 मिली/एकड़ या ऐबामेक्टिन 1.8% EC @150 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
जैविक उपचार के रूप में मेटारीजियम @ 1 किलो/एकड़ की दर से उपयोग करें।