धान में शीथ ब्लाइट पहुंचाएगा भारी नुकसान, जल्द करें रोकथाम

  • शीथ ब्लाइट एक फफूंद जनित रोग है, और इस रोग का कारक राइजोक्टोनिया सोलेनाई है। अधिक पैदावार देने वाली एवं अधिक उर्वरक उपभोग करने वाली प्रजातियों के विकास से यह रोग धान के रोगों में अपना प्रमुख स्थान रखता है। इसका इतना असर है क‍ि यह उपज में 50 प्रतिशत तक नुकसान कर सकता है।

  • इस रोग का संक्रमण नर्सरी से ही दिखना शुरू हो जाता है, जिससे पौधे नीचे से सड़ने लगते हैं। मुख्य खेत में ये लक्षण कल्ले बनने की अंतिम अवस्था में प्रकट होते हैं। लीफ शीथ पर जल सतह के ऊपर से धब्बे बनने शुरू होते हैं। इन धब्बों की आकृति अनियमित तथा किनारा गहरा भूरा व बीच का भाग हल्के रंग का होता है।

  • इससे पत्तियों पर घेरेदार धब्बे बनते हैं और कई छोटे-छोटे धब्बे मिलकर बड़े धब्बे बनाते हैं। इसके कारण शीथ, तना, ध्वजा पत्ती पूर्ण रूप से ग्रसित हो जाती है और पौधे मर जाते हैं। खेतों में यह रोग अगस्त एवं सितंबर में अधिक तीव्र हो जाता है। संक्रमित पौधों में बाली कम निकलती है तथा दाने भी नहीं बनते हैं।

  • इस रोग के प्रारंभिक लक्षण दिखते ही नोवाकोन (हैक्साकोनाजोल 5% EC) 400 ml या शीथमार (वैलिडामाइसिन 3% L) 600 – 800 ml प्रति एकड़ की दर से छिडक़ाव करें।

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