तरबूज़ की फसल के बुआई के 10 से 15 दिनों में कवक रोगों के प्रकोप तथा एवं कीट प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा उपाय किये जाते हैं। दरअसल इस दौरान अंकुरण की शुरुआतों अवस्था में तरबूज़ की फसल में कवक रोगों का नियंत्रण बहुत ही आवश्यक होता है। अंकुरण की शुरूआती अवस्था में पौधे गलने लगते हैं, पत्ते पीले पड़ने लगते हैं एवं अच्छे से अंकुरण भी नहीं हो पाता है। इसके नियंत्रण के लिए निम्र उत्पादों का उपयोग आवश्यक होता है।
कवक रोगो के लिए: क्लोरोथालोनिल 75% WP@ 400 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें। जैविक उपचार के रूप में स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
कीटों के नियंत्रण के लिए: फिप्रोनिल 40% + इमिडाक्लोप्रिड 40% WG @ 40 ग्राम/एकड़ या थियामेंथोक्साम 12.6% + लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन 9.5% ZC@ 80 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें। जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
पोषण प्रबधन: यूरिया @ 75 किलो/एकड़ + सूक्ष्म पोषक तत्व @ 8 किलो/एकड़ + सल्फर @ 5 किलो/एकड़ की दर से मिट्टी उपचार के रूप में उपयोग करें। ह्यूमिक एसिड @ 100 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव के रूप में उपयोग करें।
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