जानें आखिर क्या है एकीकृत कीट प्रबंधन एवं इसके प्रमुख उपाय

  • किसान भाइयों फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले कीट, रोग एवं खरपतवार आदि से होने वाली हानि को आर्थिक परिसीमा से नीचे रखने में सक्षम अधिकाधिक विधियों का सामन्यजस्यपूर्ण उपयोग एकीकृत नाशीजीव प्रबन्धन (आईपीएम) कहलाता है l

  • इसमें पर्यावरण के अनुकूल व्यवहारिक, यांत्रिक, जैविक एवं आवश्यक होने पर रासायनिक पौध संरक्षण क्रियाओं का परस्पर उपयोग किया जाता है। 

प्रमुख उपाय:

  • व्यवहारिक नियंत्रण में गहरी जुताई करना, फसल चक्र अपनाना, बीज एवं पौध उपचार, समय पर बुवाई, प्रतिरोधी किस्मों का उपयोग, खरपतवार नियंत्रण, पोषक तत्वों एवं सिंचाई जल का समुचित उपयोग आदि। 

  • यांत्रिक नियंत्रण में प्रकाश पाश एवं लैंगिक पाश, रोग एवं कीट ग्रसित भागों को नष्ट करना आदि है। 

  • जैविक क्रियाओं में परभक्षी एवं परजीवी कीटों का उपयोग करना।

  • रासायनिक नियंत्रण में परभक्षी एवं परजीवी कीटों की उपस्थिति में इनके संरक्षण की दृष्टि से नाशीकीटों के आर्थिक परिसीमा से अधिक प्रकोप होने पर ही अपेक्षाकृत सुरक्षित कीटनाशक रसायनों का प्रयोग करना।

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