जलकुंभी से तैयार होगा उच्च गुणवत्ता वाला केंचुआ खाद

  • तालाबों में या जहां ठहरा हुआ पानी रहता है वहाँ जलकुंभी एक बड़ी समस्या बन जाती है l इसके कारण मछली पालन एवं अन्य जल वाली फसलें लगाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है l एक बार जलकुंभी को निकालने के बाद कुछ दिनों में यह फिर से फ़ैल जाती है l 

  • जलकुंभी की समस्या से निपटने के लिए इससे केंचुआ खाद बनाना एक बेहतर विकल्प है।

केंचुआ खाद बनाने की विधि

  • जलकुंभी को पानी से निकालकर, उसकी जड़ें काटकर तब तक सुखाएं जब तक इसका रंग हरे से भूरे में न बदल जाए। 

  • गोबर में पानी मिलाकर उसका स्लरी या घोल बनाएं। इसमें सूखी हुई जलकुंभी मिलाकर ड्रम या मिट्टी के ऊपर एकत्रित कर लें और ऊपर से जूट के बोरे, घास फूस या जलकुम्भी की पत्तियों के द्वारा ढक दें। 

  • अब 4-5 दिन बाद इसमें केचुंए मिलाएं। केचुंए डालने के बाद 4-5 दिन तक पानी छिड़कते रहें क्योंकि केचुंए नरम चीज ही खाते हैं, इसलिए नमी को बनाये रखना आवश्यक है।  

  • इस तरह 3 महीने में वर्मी कम्पोस्ट तैयार हो जाता है। इसमें एक बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि गोबर की मात्रा सही डालें नहीं तो केचुंए खाना छोड़ देते हैं और खाद अच्छे से नहीं बन पाती है।

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