खीरे की खेती के लिए महत्वपूर्ण सुझाव अपनाएं बंपर पैदावार पाएं

  • किसान भाइयों खीरा एक महत्वपूर्ण फसल है। इसके अपरिपक्व फल का उपयोग सलाद एवं अचार के रूप में किया जाता है। इसके फल में लगभग 96 प्रतिशत पानी की मात्रा होती है l यह सोडियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम, सल्फर, सिलिकॉन एवं विटामिन आदि भरपूर मात्रा में होते हैं।  

  • इसकी बुवाई का उचित समय फरवरी – मार्च एवं जून – जुलाई उचित का होता है।

  • खीरे को विभिन्न प्रकार की मिट्टी में उगाया जा सकता है लेकिन इसकी खेती के लिए दोमट मिट्टी सर्वोत्तम होती है जिसमे कार्बनिक पदार्थों की मात्रा भरपूर हो और अच्छे जल निकास की व्यवस्था हो। मृदा का पीएच मान 6 -7 इसकी खेती के लिए अच्छा माना जाता है।   

  • इसकी खेती के लिए खेत की तैयारी एवं बीज के अच्छे अंकुरण के लिए खेत को 2 -3 बार हैरो या देशी हल से जुताई कर पाटा लगाये। 

  • खीरे की खेती के लिए निम्न किस्मों का चयन कर सकते है जैसे क्रिश, कुमुद, सुवान, सायरा 934 आदि l 

  • इसकी बीज दर 300 – 350 ग्राम प्रति एकड़ रखें।  

  • इसकी बुवाई नालियों के किनारों पर करते है जिसमे एक नाली से दूसरी नाली के बीच की दूरी 1-1.5 मीटर एवं पौधे से पौधे की दूरी 60 सेंटीमीटर रखें।

फसल की बुआई के साथ ही अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में पाते रहें स्मार्ट कृषि से जुड़ी सटीक सलाह व समाधान। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों संग साझा करें।

Share

See all tips >>