खरीफ प्याज को भंडारित करते समय रखी जाने वाली सावधानियां

  • प्याज की मांग पूरे वर्ष रहती है। अतः प्याज का भंडारण पूरे वर्ष की आपूर्ति के लिए अति आवश्यक होता है। हमारे देश में प्याज की अपर्याप्त भंडारण सुविधा एवं बेमौसम बरसात के कारण 30-40 प्रतिशत प्याज सड़ जाता है।

  • ज्यादातर किसान भाई रबी के प्याज का ही भण्डारण करते हैं क्योंकि खरीफ और पछेती खरीफ प्याज की अपेक्षा रबी प्याज में बेहतर भंडारण क्षमता होती है। 

  • पत्ते पीले रंग में बदलने तथा गर्दन पतली होने तक पौधों को खेतों में सुखाना चाहिए फिर पर्याप्त वायु संचार के साथ छाया में सुखाया जाना चाहिए। छाया में सुखाने से कन्दों की सूरज की तीखी किरणों से रक्षा होती है, रंग में सुधार आता है और बाहरी सतह सूख जाती है। 

  • कई बार कुदाली या फावड़े से कंद को घाव हो जाता है। कंद की छटाई करते समय दाग लगे हुए कंद को अलग निकाल देना चाहिए। बाद में इन्हीं ख़राब कंदो से सडन पैदा हो कर अन्य दूसरे कंदों में भी सडन शुरू हो जाती है।

  • प्याज के अच्छे भंडारण के लिए, जूट (टाट)/प्लास्टिक की 50 किग्रा की जालीदार बोरियां का या प्लास्टिक/लकड़ी की टोकरीयों का उपयोग करना चाहिए।

  • प्याज को पैकिंग के बाद 5 फीट ऊंचाई तक भंडार गृह में रखना चाहिए ताकि निकालने में आसानी हो। 

  • अच्छे भंडारण के लिए भंडार गृहों का तापमान 30-35˚ सें. तथा सापेक्ष आर्द्रता 65-70 प्रतिशत होनी चाहिए।

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