करें सरसों की उन्नत खेती, पढ़ें बुआई, किस्म व उर्वरकों को पूरी जानकारी

  • सरसों मध्य प्रदेश में उगाई जाने वाली प्रमुख तिलहन फसल है, अगर इसकी बुवाई, उचित किस्में एवं आवश्यक खाद और उर्वरक का विशेष ध्यान रखा जाए तो उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है l

  • बुवाई: सरसों की बुवाई सितंबर के अंतिम सप्ताह से अक्टूबर के अंतिम सप्ताह तक की जाती है।

  • सामान्यतः सरसों के लिए कतार से कतार की दूरी 30-45 सेमी रखते हैं तथा पौधे से पौधे की दूरी 10-15 सेमी रखी जाती है।

  • किस्में: प्रमाणित किस्मों में उपज, तेल की मात्रा का प्रतिशत एवं दानों का आकार अच्छा पाया जाता है। सरसों की प्रमाणित किस्मे निम्न हैं।

  • पायनियर सरसों: V- 45S46, V- 45S42 , V- 45S35

    बायर/प्रोएग्रो सरसों: केसरी 5111, 5222, PA 5210, केसरी गोल्ड

    माहिको सरसों: MRR 8030, बोल्ड प्लस, उल्लास (MYSL-203)

    अन्य किस्में: RGN-73, NRCHB 101,NRCHB 506, पीताम्बरी (RYSK-05-02), पूसा सरसों 27 (EJ 17), LET-43 (PM 30) आदि l

  • आवश्यक खाद और उर्वरक: खेत की तैयारी के समय 6-8 टन गोबर की खाद डालें और DAP@ 40 किलो, यूरिया@ 25 किलो, पोटाश@ 30 किलो प्रति एकड़ की दर से बुवाई के समय उपयोग करें।

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