आलू की फसल में पछेती झुलसा के लक्षण एवं नियंत्रण के उपाय!

क्षति के लक्षण: इस रोग से पौधों के पत्ते, तने एवं कंद प्रभावित होते हैं। सबसे पहले रोग के ये लक्षण पत्तियों के सिरों और किनारों पर पानी से लथपथ छोटे-छोटे भूरे धब्बे विकसित होते हैं। इन धब्बों के चारों ओर कवक की एक सफेद कपास जैसी संरचना दिखाई देती है। अनुकूल मौसम की स्थिति में जैसे – कम तापमान, उच्च आर्द्रता में रोग तेजी से फैलता है और पूरी फसल 10-14 दिनों के भीतर नष्ट हो सकती है और झुलसा हुआ रूप ले सकती है।

नियंत्रण के उपाय: इस रोग के नियंत्रण के लिए, नोवाक्रस्ट (एज़ोक्सिस्ट्रोबिन 11% + टेबुकनाज़ोल 18.3% एससी) @ 300 मिली या करमानोवा (कार्बेन्डाजिम 12% + मैंकोजेब 63% डब्ल्यूपी) @ 700 ग्राम + नोवामैक्स (जिब्रेलिक एसिड 0.001 % एल) 300 मिली + सिलिकोमैक्स गोल्ड 50 मिली, प्रति एकड़ 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।

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