आलू की फसल में ऐसे करें सफेद मक्खी का नियंत्रण

  • इस कीट के शिशु एवं वयस्क दोनों ही आलू की फसल को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाते हैं।

  • यह पत्तियों का रस चूस कर पौधे के विकास को बाधित कर देती है एवं पौधे पर उत्पन्न होने वाली सूटी मोल्ड नामक जमाव का कारण भी बनती है।

  • अधिक प्रकोप की स्थिति में आलू की फसल पूर्णतः संक्रमित हो जाती है। फसल के पूर्ण विकसित हो जाने पर भी इस कीट का प्रकोप होता है। इसके कारण से फसलों की पत्तियां सूख कर गिर जाती हैं।

  • प्रबंधन: इस कीट के निवारण के लिए डायफेनथुरोंन 50% SP@ 250 ग्राम/एकड़ या फ्लोनिकामाइड 50% WG@ 60मिली/एकड़ या एसिटामेप्रिड 20% SP @ 100 ग्राम/एकड़ या पायरीप्रोक्सीफेन 10% + बॉयफेनथ्रीन 10% EC 250 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

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