- वायरस से ग्रसित पौधों और पौधों के भागों को उखाड़ के नष्ट कर देना चाहिए|
- कुछ किस्मे जैसे परभणी क्रांति, जनार्धन, हरिता, अर्का अनामिका और अर्का अभय इत्यादि वायरस के प्रति सहनशील होती है|
- पौधों की वृद्धि की अवस्था में उर्वरकों का अधिक उपयोग ना करें|
- जहाँ तक हो सके भिंडी की बुवाई समय से पहले कर दें|
- फसल में प्रयोग होने वाले सभी उपकरणों को साफ रखें ताकि इन उपकरणों के माध्यम से यह रोग अन्य फसलों में ना पहुँच पाए|
- जो फसलें इस बीमारीं से प्रभावित होती है उन फसलों के साथ भिंडी की बुवाई ना करें|
- सफ़ेद मक्खी के नियंत्रण के लिए 4-5 चिपचिपे प्रपंच/एकड़ उपयोग कर सकते है|
- डाइमिथोएट 30% ई.सी. 250 मिली /एकड़ पानी मे घोल बना कर स्प्रे करें|
- इमिडाइक्लोप्रिड 17.8% SL 80 मिली /एकड़ की दर से स्प्रे करें|
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