पौधों में प्रोटीन, अमीनो एसिड, कुछ विटामिन और एंजाइम, प्रकाश संश्लेषण, ऊर्जा चयापचय, कार्बोहाइड्रेट उत्पादन और प्रोटीन के संश्लेषण आदि में सल्फर महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सल्फर अमीनो एसिड जैसे सिस्टीन, सिस्टीन और मेथियोनीन का एक अभिन्न अंग है जो प्रोटीन के आवश्यक घटक हैं। पौधों को पर्याप्त मात्रा में सल्फर देने से उपज और बीजों में तेल की मात्रा बढ़ जाती है।
तिलहनी फसलों में सल्फर की कमी के लक्षण क्या हैं?
सल्फर की कमी के कारण क्लोरोफिल उत्पादन कम होता है जिससे नई पत्तियों में पीलापन की समस्या देखने को मिलती है। इसके कारण, पौधे की वृद्धि में कमी देखने को मिलती है।
सल्फर की कमी को कैसे दूर करें?
सल्फर युक्त उर्वरकों की पूर्ति करके तिलहनी फसल में सल्फर की आवश्यकता को पूरा किया जा सकता है। सल्फर पोषक तत्वों को मिट्टी के अनुप्रयोगों जैसे बेसल, टॉप ड्रेसिंग, फर्टिगेशन और पर्ण आवेदन द्वारा पौधों में डाला जा सकता है।
Shareकृषि क्षेत्र एवं किसानों से सम्बंधित ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें और शेयर करना ना भूलें।