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फास्फोरस की कमी से पौधों की पत्तियों का रंग बैंगनी या गहरा हो जाता है।
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पुरानी पत्तियां शुरुआत में पीली और बाद में लाल-भूरी पड़ हो जाती हैं।
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पत्तियों के सिरे सूखने लगते हैं और पौधों की वृद्धि लगातार कम होने लग जाती है।
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इसकी वजह से पौधे बौने, कमजोर एवं कम पत्तियों वाले हो जाते हैं और जड़ों का फैलाव भी कम होता है।
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इससे पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है।
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दलहनी फसलों में जीवाणुओं द्वारा नाइट्रोजन का स्थिरीकरण कम होता है।
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