प्याज़ की फसल में खरपतवार प्रबंधन कैसे करें

  • प्याज़ के अच्छे उत्पादन के लिए, फसल में पहली निराई बुवाई के 25-30 दिन बाद और दूसरी निराई बुवाई के 60-65 दिनों बाद करनी जरूरी हो जाता है। ये अवस्था क्रांतिक अवस्था कहलाती है। 

  • मृदा में प्राकृतिक रूप  से, बहुत से मुख्य एवं सूक्ष्म पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो अधिक खरपतवारों के प्रकोप के कारण प्याज़ की फसल को पूरी तरह नहीं मिल पाते हैं | 

  • इसके कारण फसलों में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है और फसल की कुल उपज पर भी बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है |  

  • प्याज़ की अच्छी फसल उत्पादन के लिए खरपतवार प्रबंधन समय – समय पर करना बहुत आवश्यक होता है। इसके लिए निम्र प्रकार से खरपतवार प्रबंधन करना बहुत आवश्यक है। ध्यान रहे कि खरपतवार प्रबंधन बुवाई के ठीक 20-25 दिन पूरे होने पर और खरपतवार निकलने के तुरंत बाद करना चाहिए।

 डेकेल (चौड़ी व सकरी पत्ती के लिए)

  • डेकेल (प्रोपाक्विज़ाफोप 5% + ऑक्सीफ्लुरोफेन 12% ईसी) @ 350 मिली/एकड़, 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें। फ्लैट फैन नोज़ल का प्रयोग करें एवं खेतो में नमी बनाये रखें। खरपतवार की 2-4 पत्ती के अवस्था में छिड़काव करने पर सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त होता है।  

टरगा सुपर (सकरी पत्ती के लिए)

  • टरगा सुपर (क्विज़ालोफॉप एथिल 5% ईसी) @ 300 मिली, प्रति एकड़ 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें। यह एक चयनात्मक शाकनाशी है। फ्लैट फैन नोज़ल का प्रयोग करें एवं खेतो में नमी बनाये रखें। साथ ही 2-4 पत्ती के चरण में छिड़काव करने पर सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त होता है। इसका उपयोग चौड़ी पत्ती वाली फसलों में संकरी पत्ती वाले खरपतवारों को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है।

एजिल (सकरी पत्ती के लिए)

  • प्रोपाक्विज़ाफॉप 10% ईसी @ (एजिल) 250 मिली, प्रति एकड़ 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें। यह एक चयनात्मक खरपतवारनाशी है। इसका उपयोग वार्षिक और बारहमासी घास को नियंत्रण के लिए किया जाता है। फ्लैट फैन नोज़ल का प्रयोग करें एवं खेतो में नमी बनाये रखे। खरपतवार की 2-4 पत्ती के अवस्था में छिड़काव करने पर सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त होता है।

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