- सोयबीन की फसल खरीफ सीजन की एक मुख्य फसल है एवं लगातार बारिश होने के कारण सोयाबीन की फसल में बुआई के बाद समय समय पर खरपतवार का नियंत्रण करना बहुत आवश्यक हो जाता है।
- सोयबीन की फसल में बुआई के बाद चौड़ी पत्ती एवं सकरी पत्ती वाले खरपतवार बहुत अधिक मात्रा में उग जाते है।
- 20 से 50 दिन की अवस्था में सकरी पत्ती वाले खरपतवार ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं अतः इसका रोकथाम करना अतिआवश्यक हो जाता है। इन खरपतवारों के नियंत्रण के लिए निम्र उत्पादों का उपयोग किया जा सकता है।
- प्रोपेक्यूजाफ़ॉप का इस्तेमाल 10% EC @ 400 मिली/एकड़ की दर से करें। यह एक चुनिंदा खरपतवार नियंत्रक है और इसका उपयोग सकरी पत्ती के खरपतवारों के लिए किया जाता है।
- क्विज़ालोफ़ॉप इथाइल का इस्तेमाल 5% EC @ 400 मिली/एकड़ की दर से करें। यह एक चुनिंदा खरपतवार नियंत्रक है और इसका उपयोग सकरी पत्ती के खरपतवारों के लिए किया जाता है।
Weed management of Soybean
- सोयाबीन उत्पादन में खरपतवार एक मुख्य समस्या हैं | इस समस्या के समाधान के लिए निम्न में से किसी एक खरपतवारनाशी का स्प्रे करे
- अंकुरण के पूर्व :-
- इमेजाथायपर 2 % + पेंडीमेथिलीन 30 % @ 1 लीटर/2 बीघा | या
- डाईक्लोसूलम 84 % WG @ 1 पाऊच (12.7 ग्राम )/2 बीघा का छिड़काव करे |
- बुवाई के 15-20 दिन बाद
- फॉम्साफेन 11.1% + फ्लुज़िफ़ॉप-पी-ब्यूटाइल 11.1% SL @ 1 ली/ 6 बीघा | या
- क्लोरीमुरेन ईथाइल 25 % WG @ 15 ग्राम/एकड़ | या
- सोडियम एसिफ़्लुरफेन 16% + क्लोडिनाफ़ॉप प्रॉपगेल 8% ईसी @ 400 ग्राम/एकड़ ।
- इमेजाथायपर 10 % SL @ 400 ग्राम/एकड़ का छिड़काव करना चाहिए |अधिक जानकारी के लिए आप हमारे टोल फ्री न. 1800-315-7566 पर कॉल करे |
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