- कपास में पहली बारिश के बाद खरपतवार निकलने लगते हैं।
- इसके नियंत्रण के लिए हाथ से निदाई करें।
- क्विज़ालोफ़ॉप इथाइल 5% EC @ 400 मिली/एकड़ सकरी पत्ती के लिए।
- पाइरिथायोबैक सोडियम 10% EC + क्विज़ालोफ़ॉप इथाइल 5% EC @ पहली बारिश के 3-5 दिन
- बाद 400 मिली/एकड़।
- जब फसल छोटी हो तो इस समस्या से बचने के लिए मिट्टी की सतह पर स्प्रे करें।
- इसका उपयोग पंप के ऊपर हुक लगाकर करें।
कपास की फसल में खरपतवार से होता है नुकसान, ऐसे करें प्रबंधन
- रसायनों द्वारा खरपतवार नियंत्रण के लिए अंकुरण से पहले (बुआई के 72 घंटों के भीतर) 700 मिली पेन्डीमेथालीन 38.7 CS या पेन्डीमेथालीन 30% EC को 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ की दर से मिट्टी में छिड़काव करें।
- पहली निराई- गुड़ाई फसल अंकुरण के 25 से 30 दिन के अंदर कोल्पा या डोरा चला कर करें।
- 2-3 पत्ती वाले खरपतवार होने पर पायरिथियोबेक सोडियम 6% EC + क्यूजालोफोप एथिल 4% 5 EC 350 मिली प्रति 200 लीटर पानी में मिलाकर एक एकड़ के खेत में छिड़काव करें। खेत में नमी अवश्य होनी चाहिए।
- फसल में संकरी पत्ती वाले खरपतवार दिखाई देने पर क्यूजालोफोप एथिल 5% EC @ 400 मिली या प्रोपाकिजाफाप 10% EC @ 300 मिली प्रति 200 लीटर पानी में मिलाकर एक एकड़ के खेत में छिड़काव करें।
- चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार के नियंत्रण हेतु फसल के 1.5 फीट का होने पर हुड लगाकर फसल को बचाते हुए मिट्टी की सतह पर पैराक्वाट डाईक्लोराइड 24% SL @ 500 मिली प्रति एकड़ की दर से 200 लीटर साफ पानी में मिलाकर छिड़काव करें। यह एक नॉन-सेलेक्टिव खरपतवार नाशी हैं।
Weed Management in Cotton :-
- संकीर्ण पत्ती के लिए: – क्विज़ेलोफॉप एथिल 5% ईसी @ 400 मिली/एकड़ या प्रोपाकिजाफाप 10% ईसी 300 मिली/एकड़ की दर से स्प्रे करें।
- चौड़ी पत्ती के लिए: – ग्रामोक्सोन 24% SL @ 500 मिली/एकड़ जब फसल 1.5 फीट ऊँचाई की हो जाए तो फसल को बचाते हुए, मिट्टी की सतह पर स्प्रे करें। यह एक नॉन-सेलेक्टिव खरपतवार नाशी हैं। इसका स्प्रे करने के लिए नोजल को टोपा पहना कर उपयोग करे |
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