तरबूज की महत्वपूर्ण किस्मे

 

क्र. किस्म का नाम  फल का आकार  फल का भार 

(किलोग्राम )

फसल अवधि 

    (दिन )

फल का रंग 
1.  सागर किंग  अंडाकार  3-5  60 – 70 फल का रंग काला  तथा गुदा लाल रंग का दिखाई देता है 
2.  सागर किंग प्लस   अंडाकार  3-5  60 – 70 फल का रंग काला  तथा गुदा लाल रंग का दिखाई देता है 
3.  काजल  अंडाकार  3- 3.5 60 – 70 फल का रंग काला  तथा गुदा गुलाबी रंग का दिखाई देता है 
4.  2208  अंडाकार  2-4 70 – 80 फल का रंग काला  तथा गुदा लाल रंग का दिखाई देता है 
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गर्मियों में उच्च उपज देने वाली मूंग

  • विराट, सम्राट, खरगोन 1, कृष्णा 11, जवाहर 45, कोपरगाँव, मोहिनी (S-8), PS 16, पंत मूंग 3, पूसा 105, ML 337, पीडीएम 11 (बसंत) टाइप 1, टाइप 4, टाइप 51, K851, पूसा बैसाखी, 6, PS 10, PS 7, पंत मुंग 2, ML-267, पुसा 105, ML-337, पंत मुंग 1, RUM-1, RUM-12, बीएम -4, पीडीएम -54, जेएम -72, के -851, पीडीएम -11.

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Popular varieties of chilies preferred by farmers of Madhya Pradesh

निमाड़ क्षेत्र में किसान अप्रैल के तीसरे सप्ताह से मिर्च की नर्सरी की तैयारी शुरू करते हैं। बुवाई से 5-7 दिन पहले किस्म का चुनाव करना चाहिए। अधिक उपज के लिए सही व उचित किस्म का चयन करना जरूरी हैं। किस्म का चुनाव खेती के उद्देश्य पर निर्भर करता हैं। इसलिए हम यहां ख़ास उद्देश्य हेतु लोकप्रिय किस्मों के बारे में बता रहे हैं।

हरी मिर्च तुड़ाई के उद्देश्य के लिए उपयुक्त किस्मे:-

  • नंदिता (नन्हेम्स)
  • एचपीएच -12 (सिजेंटा)
  • उजाला (नन्हेम्स)
  • एमएचसीपी 310 – तेजा (महिको)

यदि किसान भाई सुखी मिर्च उत्पादन के उद्देश्य से मिर्च की बुवाई करना चाहते हैं तो उपयुक्त किस्में:-

  • सोनल (रासी सीड्स)
  • यूएस 720 (नन्हेम्स)
  • यूएस 611 (नन्हेम्स)
  • एचपीएच -12 (सिजेंटा)

वायरस के प्रति सहिष्णु किस्मे :-

  • एचपीएच -12 (सिजेंटा)
  • सोनल (रासी सीड्स)
  • प्राईड (रासी सीड्स)
  • नंदिता (नन्हेम्स)

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Improved Varieties of Soybean and their selection

सोयाबीन की उन्नत किस्में:- किस्मों का चयन कृषि जलवायु क्षेत्र के अनुसार किया जाना चाहिए| हल्की भूमि व वर्षा आधारित क्षेत्रों में जहाँ औसत वर्षा 600 से 750 मि.मी. है वहाँ जल्दी पकने वाली (90-95 दिन) किस्म लगाना चाहिए| मध्यम किस्म की दोमट भूमि व 750 से 1000 मिमी. औसत वर्षा वाले क्षेत्रों में मध्यम अवधि में पकने वाली किस्में जो 100 से 105 दिन में आ जाएँ  लगाना चाहिए | 1250 मिमी. से अधिक वर्षा वाले तथा भारी भूमि में देर से पकने वाली किस्में लगाना चाहिये| इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिये की बीज की अंकुरण क्षमता 70 प्रतिशत से अधिक हो एवं खेत में अच्छी फसल हेतु पौधों की संख्या 40 पौधे प्रति वर्ग मीटर प्राप्त हो सकें, अंत: उपयुक्त किस्म के प्रमाणित बीज का ही चयन करना चाहिये |

मध्य प्रदेश के लिए उपयुक्त सोयाबीन की उन्नत किस्में:-

क्र. किस्म का नाम अवधि दिन में उपज प्रति हेक्टेयर
1. JS-9560 82-88 18-20
2. JS-9305 90-95 20-25
3. NRC-7 90-99 25-35
4. NRC-37 99-105 30-40
5. JS-335 98-102 25-30
6. JS-9752 95-100 20-25
7. JS-2029 93-96 22-24
8. RVS-2001-4 92-95 20-25
9. JS-2069 93-98 22-27
10. JS-2034 86-88 20-25

Source:-https://iisrindore.icar.gov.in/

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Criteria of Selection of Cotton Variety

कपास की किस्म के चयन में ध्यान रखने योग्य बातें:-

  • प्रतिरोधकता:- चयन की जाने वाली किस्म कीट व रोग रोधी होना चाहिए |
  • उपज स्थिरता:- उपज स्थिरता अच्छी किस्म का गुण होता है जिसमें विभिन्न वातावरण में भी अच्छी उपज देने की क्षमता हो|
  • परिपक्वता अवधि:- परिपक्वता एक संकेत है कि किस्म को बोने से कटाई तक कितना समय लगेगा। कपास की किस्में  परिपक्वता को अक्सर जल्दी, मध्यम, देर के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
  • रेशे की गुणवता :- उपज की कीमत रेशे की गुणवत्ता से सकारात्मक या नकारात्मक रूप से प्रभावित हो सकती है। रेशे की गुणवत्ता रेशे  की लंबाई, मजबूती और समानता आनुवंशिकी से काफी प्रभावित होती है और पर्यावरण द्वारा बहुत कम प्रभावित होती है।
  • उपलब्घ पानी :- किस्म का चयन करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि हमारे पास पानी की क्या व्यवस्था है और हमें किस तरह की किस्म चाहिए जैसे सिंचित, अर्धसिंचित एवं वर्षा आधारित |

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