सोयाबीन की उन्नत किस्में एवं उनकी विशेषताएं

👉🏻किसान भाइयों सोयाबीन, खरीफ की प्रमुख फसलों में से एक है, इसकी बुवाई के लिए उन्नत किस्मों का चयन कर किसान भाई उच्च उपज प्राप्त कर सकते है। आइये जानते हैं सोयाबीन की वर्ष 2021 के दौरान अधिसूचित उन्नत किस्मों के बारे में –

मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र के लिए उन्नतशील किस्में 

एमएसीएस (1520):- इस किस्म की फसल अवधि लगभग 100 दिनों की होती है। फूल बैंगनी के होते है। चारकोल रॉट, पीला मोज़ेक वायरस, अल्टरनेरिया ब्लाइट एवं अल्टरनेरिया लीफ स्पॉट के लिए प्रतिरोधक है। तना मक्खी, बिन बग, स्टिंक बग, चक्र भृंग, फली छेदक कीट के लिए अत्यधिक प्रतिरोधक क्षमता है।   

एनआरसी -130:- फसल अवधि लगभग 90 दिन की होती है। सीमित वृद्धि, रोये रहित चिकनी फलिया, पीला नाभिका, चारकोल रॉट, लिफ़ स्पॉट, एवं पॉड ब्लाइट के प्रति प्रतिरोधी किस्म है। 

आरएससी – 10-46:- फसल अवधि लगभग 100 दिन की होती है। सीमित वृद्धि, बैंगनी फूल, काली नाभिका, पीला मोज़ेक वायरस, चारकोल रॉट, ब्लाइट के साथ तना बेधक पर्णभक्षी कीटों के प्रति प्रतिरोधकता है। 

आरएससी – 10-52:- फसल अवधि लगभग 100 दिन की होती है, बैंगनी फूल, काली नाभी, बड ब्लाइट, बैक्टीरियल पश्चुल, टारगेट लिफ़ स्पॉट ,चारकोल रॉट, एवं तना छेदक के प्रति प्रतिरोधकता है।

एएमएसएमबी – 5-18:- फसल अवधि लगभग 100 दिन की होती है, बैंगनी फूल, भूरी नाभी।चारकोल रॉट के लिए प्रतिरोधी, पीला मोज़ेक वायरस,बैक्टीरियल ब्लाइट, रायजोक्टोनिआ ब्लाइट, एवं अल्टरनेरिया लिफ स्पॉट के लिए मध्यम प्रतिरोधी किस्म है। 

 एनआरसी – 128:- फसल अवधि लगभग 100 दिन की होती है, अर्ध-सिमित, नुकीला अंडाकार पत्तियां, बैंगनी फूल, जलभराव के लिए सहनशील किस्म, चारकोल रॉट के लिए मध्यम प्रतिरोधक किस्म है।

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