मिर्च की फसल में थ्रिप्स एवं मकड़ी का ऐसे करें प्रबंधन

Thrips and mites management in chilli crop

  • मिर्च की फसल में लगने वाला चेपा यानी थ्रिप्स एवं मकड़ी दोनों ही रस चूसक कीट हैं। ये अपने तेज मुखपत्र के साथ मिर्च की फसल की पत्तियों और एवं फूलों का रस चूसते हैं। जिसके फलस्वरूप पत्तियां किनारों से भूरी हो जाती हैं, एवं प्रभावित पौधे की पत्तियां सूखी व मुरझाई हुई दिखाई देती हैं।

  • चेपा के रस चूसने से पत्तियां ऊपर की ओर मुड़ जाती हैं। जबकि मकड़ी के प्रकोप से पत्तियां नीचे की तरफ मुड़ी हुई रहती हैं एवं जाले बनते हुए दिखाई देते हैंl

  • चेपा छोटे एवं कोमल शरीर वाले हल्के पीले रंग के कीट होते हैं, इस कीट का शिशु कीट एवं वयस्क कीट दोनों ही मिर्च की फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। यह पत्तियों की ऊपरी सतह पर अधिक मात्रा में एवं पत्तियों की निचली सतह पर भी पाए जाते हैं।

  • मकड़ी कीट छोटे एवं लाल या सफेद रंग के होते हैं जो पत्तियों की निचली सतह पर रहते हैं।

  • इन दोनों के प्रकोप के लक्षण एक ही पौधे पर देखा जाए तो पत्तियां कहीं ऊपर की ओर एवं कहीं नीचे की ओर मुड़ी हुई दिखाई देती हैं।

  • इसके नियंत्रण के लिए क्लोरफेनेपायर 10% SC @ 300 मिली या एबामेक्टिन 1.9% EC @ 150 मिली या प्रॉपरजाइट 57% EC @ 400 मिली + फिप्रोनिल 5% SC @ 400 मिली या स्पिरोमेसिफेन 22.9% SC @ 250 मिली + स्पिनोसेड 45% SC @ 75 मिली प्रति एकड़ छिड़काव करें l

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