हरा चारा ना मिल पाने से पशुओं के प्रजनन, स्वास्थ्य और दुग्ध उत्पादन क्षमता पर बुरा असर पड़ता है। हरे चारे की इसी कमी को दूर करने के लिए भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान ने किसानों के लिए एक खास किस्म का घास विकसित किया है। इस घास को बाजरा व नेपियर को मिक्स कर तैयार किया गया है। इस घास का नाम बाजरा-नेपियार हाइब्रिड घास रखा गया है।
इस घास के सेवन से पशुओं के दूध उत्पादन क्षमता में वृद्धि होती है और यह करीब आधे से एक लीटर तक बढ़ जाता है। गर्मियों के मौसम में हरे चारे की काफी कमी होती है, इस कमी को बीएन घास से काफी हद्द तक दूर किया जा सकता है। बता दें की किसान इस घास को एक बार लगाने के बाद कई बार काट सकते हैं।
स्रोत: टीवी 9 भारतवर्ष
ये भी पढ़ें: पशुधन बीमा योजना से किसानों को मिलेगा लाभ, मवेशी की मौत पर सरकार देगी पैसा
Shareकृषि एवं किसानों के जीवन से जुड़ी ऐसी ही अन्य जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।