महाराष्ट्र के मिराज शहर से 25 किमी दूरी पर स्थित गांव बेलंकी में सिर्फ दो एकड़ जमीन से 15 टन आम का उत्पादन करते हैं परमानंद गवणे। उन्होंने प्रत्येक एकड़ में केसर आम किस्म के 900 पौधे लगाए हैं।
62 वर्षीय गवने ने अल्ट्रा हाई डेंसिटी प्लांटिंग (यूएचडीपी) प्रणाली को अपनाया है। यूएचडीपी खेती के पारंपरिक तरीकों की तुलना में 200% अधिक उत्पादन देता है। इसके अलावा, यह प्रणाली फलों के स्वाद और ताजगी को बनाए रखते हुए एक समान आकार और रंग सुनिश्चित करता है।
पिछले साल, गवने के खेत से 250 ग्राम से 400 ग्राम वजन के फल दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता, बेंगलुरु और रायपुर के खरीदारों द्वारा खरीदे गए थे। गवने शुरुआत में अपनी सीख साझा करने के लिए तैयार नहीं थे। लेकिन बाद में गवणे इसके लिए राजी हो गए।
वे हर महीने अपने खेत में करीब 50 किसानों का स्वागत करते हैं। पिछले साल महामारी के बावजूद उनके पास बहुत सारे लोग आये थे। मई और जून के महीनों में, जब पेड़ फलों से भरे होते हैं, तब आगंतुकों की संख्या चरम पर होती है।
स्रोत: द बेटर इंडिया
Shareकृषि क्षेत्र से जुड़ी ऐसी ही ख़बरों और जानकारियों के लिए रोजाना ग्रामोफोन के लेख जरूर देखें। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन के माध्यम से अपने किसान मित्रों के साथ भी साझा करें।