ये उन्नत कपास बीज दिलाएंगे जोरदार उपज व बढियाँ मुनाफा

These advanced cotton seeds will give good yield and better profits

कपास की खेती का सीजन अब शुरू होने ही वाला है। ज्यादातर किसान इस असमंजस में रहते हैं की वे अच्छी उपज और बढियाँ मुनाफा प्राप्त करने के लिए कपास के कौन से किस्म के बीज खरीदें। इस लेख के माध्यम से हम आपकी इन्हीं असमंजस को दूर करने वाले हैं। अगर बात मध्य प्रदेश की करें तो यहाँ कपास की फसल मई जून माह में सिंचित एवं असिंचित दोनों क्षेत्रों में लगाई जाती है। मध्य प्रदेश में लगाई जाने वाली कुछ उन्नत किस्में एवं उनकी महत्वपूर्ण विशेषताएं निम्न हैं। 

  • नुजीवीडू गोल्डकोट: इस संकर किस्म के डोडे का आकर मध्यम और कुल वज़न 5 ग्राम होता है। इसकी फसल अवधि 155 से 160 दिनों की होती है। यह किस्म भारी मिट्टी में उगने के लिए उत्तम होती है। इस किस्म की बीज़ दर 600-800 ग्राम/एकड़ लगती है। इस किस्म की बुआई का उचित समय मई-जून रहता है।

  • प्रभात सुपर कोट: इस किस्म के डोडे बड़े व 5.5 ग्राम से लेकर 6.5 ग्राम वजनी होते हैं। इसकी फसल अवधि 140 से 150 दिनों की होती है। यह भारी काली मिट्टी में उगने के  लिए उत्तम होती है। इस किस्म में लाइन से लाइन की दूरी 4 फिट एवं पौधे से पौधे की दूरी 1.5 फिट होती है। यह किस्म रस चूसक कीट के प्रति सहिष्णुता, अच्छी गुणवत्ता, व्यापक अनुकूलन वाली होती है। इसकी बीज़ दर 600-800 ग्राम/एकड़ होती है। यह किस्म मई-जून में लगाने के लिए उपयुक्त होता है।

  • आदित्य मोक्षा: इस संकर किस्म के डोडे मध्यम और 6 ग्राम से लेकर 7 ग्राम वजनी होते हैं। इसकी फसल अवधि 140 से 150 दिनों की होती है। यह किस्म हल्की मध्यम मिट्टी में उगने के लिए उत्तम होती है। इस किस्म में लाइन से लाइन की दूरी 4 फिट एवं पौधे से पौधे की दूरी 2.5 फिट होती है। यह किस्म सिंचित एवं असिंचित दोनों क्षेत्र में बुआई के लिए उपयुक्त होती है। इस किस्म की बीज़ दर 600-800 ग्राम/एकड़ है। यह किस्म मई- जून में बुआई हेतु उपयुक्त है।

  • अंकुर 3028: इस संकर किस्म के पौधे सीधे होते हैं। इनके डोडे बड़े एवं आसानी से तोड़ने लायक होते हैं। इनका पौधा बहुत हराभरा होता है। ये कम दूरी की बुआई के लिए उपयुक्त होते हैं साथ ही रस चूसक कीटों एवं बैक्टीरियल ब्लाइट के प्रति प्रतिरोधी होते हैं। इससे बने धागे की गुणवत्ता बहुत अच्छी होती है।

  • अंकुर 3224: यह संकर किस्म मानसून पूर्व बुआई के लिए उपयुक्त है और मध्यम व भारी मिट्टी में लगाई जा सकती है। यह सिंचित और वर्षा आधारित खेती के लिए उपयुक्त किस्म है। इसका पौधा लम्बा एवं मज़बूत होता है तथा इसके नोड एवं इंटर नोड के बीच की दूरी कम होती है। इसके डोडे का आकार बड़ा एवं 5 से 5.5 ग्राम वजनी होता है। यह रस चुसक कीटों के प्रति प्रतिरोधी किस्म होती है।

  • अंकुर जय: यह संकर किस्म मानसून पूर्व बुआई के लिए उपयुक्त होती है, भारी मिट्टी में  लगायी जा सकती है, इसके पौधे लम्बे होते हैं, यह  रस चूसक कीटों के प्रति प्रतिरोधी होती है, इसके डोडे का आकार बड़ा एवं वज़न 5.5 ग्राम होता है, इससे बने धागे की क्वालिटी बहुत अच्छी होती है।

  • तुलसी सीड्स लम्बुजी: इस संकर किस्म से पौधा लंबा एवं मज़बूत होता है और कटाई के समय तक हराभरा रहता है। इसके डोडे की तुड़ाई बड़ी आसानी से की जा सकती है एवं यह रस चूसक कीटों के प्रति एक प्रतिरोधी किस्म होती है।

इन बताई गई बीज किस्मों के अलावा मगना, मनी मेकर, जादु, अजित 155, भक्ति, आतिश आदि अन्य किस्मे भी किसान भाई लगा सकते हैं। बताई गई बीजों की खरीदी के लिए ग्राम बाजार पर जाएँ। 

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