मिर्च की नर्सरी में ट्राइकोडर्मा से ड्रेंचिंग करने से मिलेंगे कई लाभ

There are many benefits of drenching with Trichoderma in chilli nursery
  • मिर्च की नर्सरी की 10-15 दिनों की अवस्था में ट्राइकोडर्मा से ड्रेंचिंग करने से पौध को बहुत लाभ होता है। दरअसल ट्राइकोडर्मा एक जैविक कवकनाशी है जो पौध के रोग प्रबंधन के लिए एक बहुत ही प्रभावी जैविक साधन साबित होता है।

  • यह एक शक्तिशाली बायोकंट्रोल एजेंट है। इसका उपयोग मिट्टी जनित बीमारियों जैसे फ्यूजेरियम, फाइटोपथोरा, स्क्लेरोशियम आदि के लिए बड़े पैमाने पर किया जाता है।

  • ट्राइकोडर्मा वृद्धि नियामकों की तरह भी कार्य करता है। यह सुरक्षात्मक रूप में डाला जाये तो निमेटोड का भी नियंत्रण करता है।

  • ट्राइकोडर्मा का उपयोग जड़ गलन, तना गलन, उकठा रोग आदि के प्रभावी नियंत्रक के रूप में किया जाता है।

  • मिर्च की नर्सरी में ट्राइकोडर्मा विरिडी @ 5-10 ग्राम/लीटर की दर से ड्रेंचिंग करने के लिए उपयोग करें।

  • मिर्च की नर्सरी में ट्राइकोडर्मा से ड्रेंचिंग के लाभ: ट्राइकोडर्मा, ज़मीन में मौजूद फॉस्फोरस को सरल रूप में परिवर्तित कर मिर्च की फसल को प्रदान करने में मदद करता है। इसकी वजह से पौधे की जड़ों का विकास बहुत अच्छा होता है। यह मृदाजनित रोग उकठा, आद्र्गलन और जडग़लन आदि को नियंत्रित करने में एक महत्वपूर्ण योगदान देता है। यह फसलों में रोग उत्पन्न करने वाले फफूंद को रोकता है। यह पौधों के इम्यून सिस्टम को बढ़ा कर पौधे की रोग प्रतिरोधी क्षमता को सुधारता है।

स्मार्ट कृषि एवं उन्नत कृषि उत्पादों से सम्बंधित ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। उन्नत कृषि उत्पादों व यंत्रों की खरीदी के लिए ग्रामोफ़ोन के बाजार विकल्प पर जाना ना भूलें।

Share