नींबू वर्गीय पौधों में ग्रीनिंग या हरितमा रोग के लक्षण व नियंत्रण उपाय

Symptoms of greening disease in citrus
  • ग्रीनिंग या हरितमा रोग नींबू वर्गीय पौधों का सबसे विनाशकारी रोग है। एक बार पौधा संक्रमित होने के बाद इस बीमारी का कोई प्रभावी नियंत्रण नहीं है। 

  • इस रोग का वाहक सिट्रस सिल्ला कीट एवं ग्राफ्टिंग प्रक्रिया है। 

  • इस रोग से पौधों की पत्तियां छोटी रह जाती है एवं ऊपर की ओर बढ़ती है।

  • पौधों से पत्तियां एवं फल अधिक गिरने लगते है एवं पौधा बौना रह जाता है। 

  • संक्रमित शाखाओं में डाई बैक के लक्षण दिखाई देते है, जबकि अन्य शाखा स्वस्थ दिखाई देती है।

  • रोगी पौधों के फल पकने पर भी हरे रह जाती है। अगर ऐसे फलों को सूर्य की रोशनी के विपरीत देखते है तो उनके छिलको पर पीले धब्बे दिखाई देते है। 

  • संक्रमित पौधों के फल छोटे, विकृत, कम रस वाले एवं अरोचक स्वाद वाले होते है। 

  • प्रबंधन:- यह रोग ग्राफ्टिंग से फैलता है इसलिए बडवुड को स्वस्थ पौधे से लेकर प्रयोग करना चाहिए।

  • सेलक्विन (क्विनालफोस) @ 700 मिली या प्रोफेनोवा (प्रोफेनोफोस 40% + साइपरमेथ्रिन 04% ईसी) @ 400 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव कर सकते है।

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