कद्दूवर्गीय फसल में एन्थ्रक्नोस के लक्षण एवं नियंत्रण के उपाय

Symptoms and control of anthracnose in cucurbit crops

यह रोग कोलीटोट्राइम लेजीनेरियम नामक फफूँद से फैलता है। यह रोग अधिकतर खरबूजे, लौकी व खीरे में अधिक हानि पहुंचता है। इस रोग में पत्तियों के शिराओं पर धब्बे दिखाई देते है, जो बाद में 1 सेंटीमीटर व्यास के हो जाते है। इनका रंग भूरा तथा आकार कोणीय होता है। ग्रासित पौधों की पत्तियों में धब्बे बढ़ते हैं पर आपस में मिल जाते है, परिणामस्वरूप पत्तियां सूखने लगती हैं। अनुकूल वातावरण में यह धब्बे पौधों व अन्य भागों व फलों पर भी पाए जाते हैं।

नियंत्रण: इस रोग के लक्षण दिखाई देते ही बाविस्टिन (कार्बेन्डाझिम 50% डब्लू पी) @ 120 ग्राम /एकड़ या इंडोफिल जेड 78 (झायनेब 75% डब्लू पी) @ 600- 800 ग्राम प्रति एकड़ के दर से 150-200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। 

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