फसलों में सल्फर की कमी के लक्षण एवं महत्व को पहचानें

Sulfur is an essential element know its importance and deficiency symptoms
  • फसलों की बेहतर बढ़वार के साथ साथ अधिक उपज प्राप्त करने में नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटाश के बाद चौथा सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व सल्फर है, जिसे गंधक के नाम से भी जाना जाता है।

  • सल्फर की कमी के कारण फसल में आने वाली नई पत्तियां पीले हरे रंग की हो जाती हैं यदि इसकी कमी बहुत अधिक हो तो पूरा पौधा पीले हरे रंग का हो जाता है। 

  • पत्तियां व तने में बैंगनीपन आ जाता है, पौधे व पत्तियां छोटी रह जाती हैं।  

  • सल्फर पत्तियों में क्लोरोफिल के निर्माण में सहायता करता है जिससे पौधों की पत्तियों का रंग हरा हो जाता है।

  • सल्फर पौधों में एंजाइम तथा विटामिन के निर्माण में सहायक होता है। 

  • दलहनी फसलों में यह जड़ों की ग्रंथी निर्माण के लिए आवश्यक है जो नाइट्रोजन स्थिरीकरण करती है। 

  • सरसों, प्याज, लहसुन एवं मिर्च में उनकी प्राकृतिक गंध सल्फर के कारण ही रहती है।

  • तिलहन फसलों के बीजों में तेल की मात्रा भी सल्फर की वजह से बढ़ती है।

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