मिर्च में रस चूसने वाले कीटों की समस्या और समाधान

मिर्ची की फसल में रस चूसने वाले कीटों जैसे एफिड,जैसिड और थ्रिप्स की मुख्य समस्या रहती हैं | यह कीट मिर्ची की फसल में पोधो के हरे भागो से रस चूस कर नुकसान पहुँचाते हैं, जिससे पत्तिया मुड़ जाती हैं और जल्दी गिर जाती हैं | रस चूसक कीटों के संक्रमण से फंगस और वायरस द्वारा फैलने वाली बीमारियों की संभावना बढ़ सकती हैं | अतः इन कीटों  का समय पर नियंत्रण करना आवश्यक हैं:-

नियंत्रण:- 

  • प्रोफेनोफोस 50% EC @ 400 मिली/एकड़ या 
  • एसीफेट 75% SP @ 250 ग्राम/एकड़ या 
  • लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 4.9% CS @ 200-250 मिली/एकड़ या
  • फिप्रोनिल 5% SC @ 300-350 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करना चाहिए | 
  • अधिक जानकारी के लिए आप हमारे टोल फ्री न. 1800-315-7566 पर कॉल करे |

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What and When spraying in cotton ?

सभी किसान भाइयो की कपास की फसल को लगभग 35-45 दिन हो गए है,और सभी किसान भाई बारिश के बाद पहले स्प्रे की तैयारी कर रहे है | ग्रामोफ़ोन आपको कपास में स्प्रे निम्नानुसार करने की सलाह देता है 

  1. पहला स्प्रे बुवाई के 20-30 दिन बाद :- इमिडाक्लोप्रिड 17.8% SL @ 100-120 ml + 19:19:19 @ 1 किलो या विपुल @ 250 मिली + कार्बेन्डाजिम 12% + मैंकोजेब 63% WP @ 400 ग्राम प्रति एकड़ | इस स्प्रे की सहायता से रस चूसक कीटो व फफूंद के प्रारंभिक संक्रमण से फसल को बचाया जा सकता है | पौधो के शुरूआती विकास के लिए आवश्यक पोषक तत्व उपलब्ध हो जाते है |
  2. दूसरा स्प्रे बुवाई के 40-45 दिन बाद :- मोनोक्रोटोफॉस 36% SL या एसीफेट 50% + इमिडाक्लोप्रिड 1.8% SP के  साथ में प्रोफेनोफोस 40% EC + साइपरमेथ्रिन 5% EC के साथ में धनजाइम गोल्ड @ 250 मिली या विपुल बूस्टर @ 300 मिली प्रति एकड़ की दर से दें | इस स्प्रे की सहायता से सभी प्रकार के कीड़ो के लार्वा और अंडो का नियंत्रण किया जा सकता है |

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Problems and solutions of sucking pest in chilli:-

मिर्ची की फसल में रस चूसने वाले कीटों जैसे एफिड,जैसिड और थ्रिप्स की मुख्य समस्या रहती हैं | यह कीट मिर्ची की फसल में पोधो के हरे भागो से रस चूस कर नुकसान पहुँचाते हैं, जिससे पत्तिया मुड़ जाती हैं और जल्दी गिर जाती हैं | रस चूसक कीटों के संक्रमण से फंगस और वायरस द्वारा फैलने वाली बीमारियों की संभावना बढ़ सकती हैं | अतः इन कीटों  का समय पर नियंत्रण करना आवश्यक हैं:-

नियंत्रण:- प्रोफेनोफोस 50% EC @ 400 मिली/एकड़ या 

एसीफेट 75% SP @ 250 ग्राम/एकड़ या 

लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 4.9% CS @ 200-250 मिली/एकड़ या

फिप्रोनिल 5% SC @ 300-350 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करना चाहिए | अधिक जानकारी के लिए आप हमारे टोल फ्री न. 1800-315-7566 पर कॉल करे |

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For the next 10 days, what will be the preparation of chillies

किसान भाईयों को मिर्च की नर्सरी में बीजो की बुवाई किये हुए लगभग 8-10 दिन हो गए हैं | अब आगे के 10 दिन क्या रहेगी कार्य माला जिससे किसान भाई अपनी नर्सरी को स्वस्थ रख सके |

  • पहला स्प्रे:- बुवाई के 10-12 दिन बाद थियामेथोक्साम 25% डब्ल्यूजी 8 ग्राम/पम्प + एमिनो एसिड 20 मिली/पम्प (पत्तियों का रस चूसने वाले कीटो के नियंत्रण में सहायक) |
  • दूसरा स्प्रे:- बुवाई के 20 दिन बाद मेटलैक्सिल-M (मेफानोक्सम) 4% + मैनकोज़ब 64% डब्ल्यूपी 30 ग्राम/पम्प + 19:19:19 @100 ग्राम/पम्प ( डम्पिंग ऑफ के नियंत्रण में सहायक ) |
  • अन्य कीट व रोग लगने या खेती सम्बन्धी और कोई भी समस्या होने पर आप हमारे टोल फ्री न. 1800-315-7566 पर संपर्क कर सकते हैं |

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Control of sucking pest in Bottle gourd by neem-based products

  • नीम तेल छोटे, मुलायम शरीर वाले कीटों और मकड़ी के खिलाफ सबसे प्रभावी होते हैं जैसे कि थ्रिप्स, एफिड्स, स्केल, जैसिड और सफ़ेद मक्खी।
  • बुआई के समय और 30 दिनों के बाद नीम केक @ 40 किग्रा प्रति एकड़ के अनुसार जमीन से दें ।
  • 10 दिनों के अंतराल पर PNSPE (4%) या नीम / पोंगामिया साबुन (8-10 ग्राम / लीटर) का छिड़काव करें।

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