- पौधे की जड़ की वृद्धि और विकास में सहायक हैं |
- यह फॉस्फेट को मिट्टी से फसलों तक पहुंचने में मदद करता हैं |
- नाइट्रोजन, पोटेशियम,लोहा,मैंगनीज,मैग्नीशियम,तांबा,जस्ता, बोरान, सल्फर और मोलिब्डेनम जैसे पोषक तत्वों को मिट्टी से जड़ो तक पहुंचाने का कार्य करता हैं जिससे पौधों को अधिक मात्रा में पोषक तत्व प्राप्त हो पाते हैं |
- यह पौधों को मज़बूती प्रदान करता हैं जिससे वह कई रोग, पानी की कमी आदि के लिए कुछ हद तक सहिष्णु हो जाते हैं |
- फसल की प्रतिरक्षा शक्ति में वृद्धि करता हैं परिणाम स्वरूप उत्पाद की गुणवत्ता में वृद्धि होती हैं |
- क्योकी माइकोराइजा जड़ क्षेत्र को बढ़ाता हैं इसलिए फसल अधिक स्थान से जल ले पाते हैं |
- मृदा उपचार – 50 किलो अच्छी तरह से सड़ी हुई गोबर की खाद/कम्पोस्ट/वर्मी कम्पोस्ट/खेत की मिट्टी में @ 4 किलो माइकोराइजा को मिला कर फिर यह मात्रा प्रति एकड़ की दर से फसल बुवाई/रोपाई से पहले मिट्टी में मिला दें।
- बुआई के 25-30 दिन बाद खड़ी फसल में उपरोक्त मिश्रण का बुरकाव करें।
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