तना मक्खी: तना मक्खी के मैगट पीले रंग के होते हैं, जो पत्तियों में छेद करके पौधे के अंदर घुस जाते हैं और पौधे के आंतरिक भागों को खाते हुए जड़ क्षेत्र की तरफ बढ़ते हैं।
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संक्रमित पौधे का तना अंदर से लाल रंग का हो जाता है, साथ ही पौधे में टेढ़ी मेड़ी सुरंग दिखतीं हैं।
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अत्यधिक संक्रमण की अवस्था में (प्रति पौधा 3 या अधिक मैगॉट) पौधे मुरझा कर मर जाते हैं।
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अंडे से लट निकल कर मध्य शिरा से पत्ती के डंठल से होकर तने तक पहुँचती हैं।
नियंत्रण के उपाय
इसके नियंत्रण के लिए, लैमनोवा (लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन 4.9% सीएस) @ 120 मिली या नोवालक्सम (थियामेथोक्सम 12.60% + लैम्ब्डा-साइहलोथ्रिन 9.5% जेडसी) @ 50 मिली + सिलिको मैक्स @ 50 मिली, प्रति एकड़ 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।
जैविक नियंत्रण के लिए
जैविक नियंत्रण के लिए, बिग्रेड बी (बवेरिया बेसियाना 1.15% डब्ल्यूपी) @ 1 किग्रा + सिलिको मैक्स @ 50 मिली, प्रति एकड़ 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।
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