धान की फसल में तना छेदक कीट की पहचान एवं नियंत्रण के उपाय

किसान भाइयों, तना छेदक कीट की इल्ली अवस्था ही क्षतिकर होती है। सर्वप्रथम, अंडे से निकलने के बाद, इल्ली मध्य कलिकाओं की पत्तियों में छेदकर तने में प्रवेश करती है। जहां पहुंचकर ये मध्य भाग को नष्ट कर देती हैजिसे ‘डेड हार्ट’ के नाम से जाना जाता है। इस कीट की वजह से बाली की अवस्था में प्रकोप होने पर बालियाँ सूखकर सफेद हो जाती हैं। 

तना छेदक कीट नियंत्रण के उपाय:- 

  • लांसर गोल्ड (एसीफेट 50% + इमिडाक्लोप्रिड 1.8% एसपी) @ 400 ग्राम या सुपर डी (क्लोरपायरीफॉस 50% + साइपरमेथ्रिन 5% ईसी) @ 300 मिली + सिलिको मैक्स @ 50 मिली प्रति एकड़, 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।

  • या केलडान (कारटाप हाइड्रोक्लोराइड 4% जीआर) @ 8 किलोग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से खेत में समान रूप से भुरकाव करें।

  • जैविक नियंत्रण के लिए, ब्रिगेड बी (बवेरिया बेसियाना 1.15% डब्ल्यूबी) @ 1 किग्रा/एकड़ 150 -200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।

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