मध्यप्रदेश बना वैज्ञानिक विधि से गेहूँ का भंडारण करने वाला अग्रणी राज्य

MP becomes the leading state in wheat storage through scientific method

मध्यप्रदेश में गेहूं की खरीदी 15 अप्रैल से रोज़ाना चल रही है और अब इसका भंडारण भी शुरू हो गया है। यहाँ गेहूँ का भंडारण वैज्ञानिक तरीके से किया जा रहा है। वैज्ञानिक तरीके से भंडारण करने के मामले मध्यप्रदेश देश का अग्रणी राज्य बन गया है। राज्य की 289 सहकारी समितियों ने 1 लाख 81 हजार से भी अधिक किसानों से 11 लाख मीट्रिक टन गेहूँ का उपार्जन किया है। इस उपार्जित गेहूं का भंडारण 25 साईलो बैग और स्टील साइलो में किया जा रहा है।

साईलो बैग और स्टील साइलो के बारे में बताते हुए प्रमुख सचिव खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण श्री शिवशेखर शुक्ला ने कहा कि यह खाद्यान्न भंडारण की सबसे आधुनिक तकनीकी है। इसमें खाद्यान्न को लम्बे समय तक सुरक्षित रखने के लिए कीटनाशक औषधियों का इस्तेमाल करने की कोई जरुरत नहीं होती है। बिना कीटनाशक का इस्तेमाल किये ही इस तकनीक के जरिये लंबे समय तक खाद्यान्न को सुरक्षित रखा जा सकता है।

यह तकनीक सोशल डिस्टेंसिंग बनाये रखने में मददगार है
प्रमुख सचिव श्री शुक्ला बताते हैं कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जरूरी सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखने में भी साइलो बैग वाली तकनीक मददगार है। इस तकनीक से भंडारण करने में मानव श्रम की कम आवश्यकता होती है। इस पद्धति में किसान ट्रैक्टर, ट्रॉली या ट्रक में अपनी उपज लेकर पहुँचता है, तो धर्म-काँटे से तौल करने के बाद हाइड्रोलिक सिस्टम के द्वारा एक ही बार में उसका पूरा गेहूं भंडारण के लिए खाली करा लिया जाता है। इस पूरे कार्य में 15 से 20 मिनट ही लगते हैं और ज्यादा लोगों की भीड़ भी जमा नहीं होती है।

स्रोत: जनसम्पर्क विभाग, मध्यप्रदेश

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