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- कपास की फसल की बढ़वार, पुष्प और गूलर का विकास तथा अन्य अवस्थाओं में भिन्न-भिन्न किस्म के कीट एवं बीमारियाँ सक्रिय रहते हैं।
- इन कीटों एवं बीमारियों के नियंत्रण लिए 20 से 30 दिनों में छिड़काव प्रबंधन करना बहुत आवश्यक है और इसे आप निम्न प्रकार से कर सकते हैं।
- एसिटामिप्रिड 20% SP@ 100 ग्राम/एकड़ या प्रोफेनोफॉस 40% + साइपरमेथ्रिन 4% EC@ 400 मिली/एकड़ या बेवेरिया बेसियाना @ 500 ग्राम/एकड़ का छिड़काव करें। यह छिड़काव कपास की फसल में कीट के प्रकोप को खत्म करने के लिए आवश्यक है।
- 12:32:16 @ 1 किलो/एकड़ या होमोब्रेसिनोलाइड 0.04 W/W @100 मिली/एकड़ का छिड़काव करें। अच्छे फसल विकास के लिए यह छिड़काव करना बहुत आवश्यक है।
- छिड़काव के 24 घण्टे के अंदर वर्षा हो जाये तो पुनः छिड़काव करें।
- पत्तियों की निचली सतह पर पूरी तरह से छिड़काव किया जाना चाहिए क्योंकि कीट इसी सतह पर रहते हैं।
- एक ही कीटनाशक रसायन का छिड़काव पुनः न दोहराया जाए।
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