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मिर्च की फसल में यह अवस्था फूल व फल बनने वाली होती है, इस अवस्था में पौधे को अच्छे पोषक तत्वों के साथ साथ पौध संरक्षण देना भी आवश्यक होता है। फसल से अधिक एवं उच्च गुणवत्ता पाने के लिए निम्न उत्पाद उपयोग में ला सकते हैं।
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पोषण प्रबंधन के लिए रोपाई के बाद 60-70 दिन होने पर 45 किलो यूरिया + 50 किलो डी ए पी + 12 किलो मेग्नेशियम सल्फेट/एकड़ + फास्फोरस एवं पोटाश बैक्टीरिया 2 किलो प्रति एकड़ उपयोग करें।
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इस समय फसल में पोड बोरर, माइट्स, थ्रिप्स आदि कीट एवं रोगों में फल सड़न रोग का प्रकोप मुख्यतः होने की सम्भावना रहती है, इससे बचाव के लिए थियामेथोक्साम 17.5% + इमामेक्टिन बेंजोएट 5% SG 100 gm + एमिनो एसिड 400 मिली + कैपटान 70% + हेक्साकोनाज़ोल 5% WP 250ग्राम/एकड़ छिड़काव करें।
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जैविक नियंत्रण के लिए सूडोमोनास 1 किलो + बेसिलस सबटिलिस 500 मिली प्रति एकड़ का छिड़काव करें।
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