सोया समृद्धि किट में शामिल जैविक उत्पादों की खूबियां और उपयोग का तरीका

Soybean Samriddhi kit,

सोयाबीन की उपज बढ़ाने में सोया समृद्धि किट का उपयोग महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इस किट में ट्राइकोडर्मा विरिडी, पोटाश एवं फास्फोरस के जीवाणु, राइज़ोबियम बैक्टीरिया, ह्यूमिक एसिड, फुलविक एसिड, ऑर्गेनिक कार्बन, ऑर्गेनिक न्यूट्रिएंट्स जैसे बेहतरीन जैविक उत्पाद मौजूद हैं। आइये बारी बारी से जानते हैं इस किट में शामिल उत्पादों के बारे में मुख्य जानकारियां। 

कॉम्बैट:  इस उत्पाद में ट्राइकोडर्मा विरिडी है, जो मिट्टी में पाए जाने वाले अधिकांश हानिकारक कवकों एवं फफूंद जनित रोगों की रोकथाम में सहायक होता है। 

प्रो-कॉम्बीमैक्स: किट का यह दूसरा उत्पाद दो अलग अलग सूक्ष्म-जीवाणुओं का मिश्रण है, जो सोयाबीन की फसल में पोटाश एवं फास्फोरस की उपलब्धता बढ़ाता है एवं उत्पादन वृद्धि में भी सहायक होता है।

जैव वाटिका आर: किट के तीसरे उत्पाद में राइज़ोबियम बैक्टीरिया होते हैं जो सोयाबीन की फसल की जड़ों में गांठे बनाते हैं, जिससे वायुमंडल में उपस्थित नाइट्रोजन स्थिर हो कर फसल को उपलब्ध होते हैं।

ट्राई-कोट मैक्स: इस किट का यह अंतिम उत्पाद है जिसमें ह्यूमिक एसिड, फुलविक एसिड, ऑर्गेनिक कार्बन, ऑर्गेनिक न्यूट्रिएंट्स आदि तत्व पाए जाते हैं, जो उर्वरकों की कार्य क्षमता को बढ़ाते हैं,और पोषक तत्वों को एकत्रित करके पौधों की जड़ तक पहुंचने में मदद करते हैं। साथ हीं मिट्टी में लंबे समय तक नमी बनाए रखते हैं। इससे पौधा शुरुआती अवस्था से ही मजबूत और स्वस्थ्य रहता है।

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सोयाबीन की फसल से लें जबरदस्त उपज, सोया समृद्धि किट का करें उपयोग

SOYA SAMRIDHI KIT

  • ‘सोया समृद्धि किट’ आपकी सोयाबीन की फसल को संपूर्ण पोषण प्रदान करेगा। इस किट में आपको वो सब कुछ एक साथ मिलेगा जिसकी जरूरत सोयाबीन की फसल को होती है।

  • इस किट का उपयोग बुआई के समय मिट्टी उपचार के रूप में किया जा सकता है या फिर बुआई के बाद 15-20 दिनों में मिट्टी में भुरकाव के रूप में भी इसका उपयोग किया जा सकता है।

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सोया समृद्धि किट में निम्नलिखित उत्पादों को शामिल किया गया है

पीके बैक्टीरिया का कंसोर्टिया: यह उत्पाद दो प्रकार के बैक्टीरिया पीएसबी (फॉस्फोरस सोल्यूब्लिज़िंग बैक्टेरिया) और केएमबी (पोटाश मोबीलाइज़िंग बैक्टेरिया) से मिलकर बना है। यह मिट्टी एवं फसल में प्रमुख तत्व पोटाश एवं फास्फोरस की पूर्ति में सहायक होता है।

ट्राइकोडर्मा विरिडी: यह एक जैविक कवकनाशी है, जो मिट्टी और बीज में होने वाले रोगजनकों को मारता है जिसकी वजह से जड़ सड़न, तना गलन, उकठा रोग जैसी गंभीर बीमारियों से रोकथाम होती है।

ह्यूमिक एसिड, समुद्री शैवाल, अमीनो एसिड एवं मायकोराइज़ा: ह्यूमिक एसिड मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार करके मिट्टी की जल धारण क्षमता में वृद्धि करता और सफेद जड़ के विकास को बढ़ाता है। मायकोराइज़ा एक ऐसा कवक है जो पौधे एवं मिट्टी के बीच सहजीवी संबंध बनाता है। मायकोराइज़ा कवक पौधे की जड़ प्रणाली में प्रवेश करता है, जिससे पानी और पोषक तत्वों की अवशोषण क्षमता बढ़ जाती है।

राइज़ोबियम सोयाबीन कल्चर: इस उत्पाद में नाइट्रोजन का जीवाणु पाया जाता है जो सोयाबीन की जड़ों में रह कर वायुमंडलीय नाइट्रोज़न को स्थिर कर पौधों को प्रदान करता है।

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