- 150 किलो अच्छी सड़ी गोबर की खाद में 750 ग्राम डीएपी, 100 ग्राम इंक्रील (समुद्री शैवाल, एमिनो एसिड, ह्यूमिक एसिड और माइकोराइजा) और 250 ग्राम ट्राइकोडर्मा विरिडी प्रति वर्ग मीटर की दर से भूमि में मिलाएँ।
- इससे मिट्टी की संरचना में सुधार के साथ-साथ पौधे का विकास अच्छा होता है।
- हानिकारक मृदाजनित कवक व रोगों से भी सुरक्षा हो जाती है तथा जैविक उत्पाद होने के कारण पौध और मिट्टी में रसायनों का दुष्परिणाम भी नहीं होता है।