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- गेहूँ की खेती श्री विधि से करना लघु और सीमांत किसानों के लिए विशेष लाभदायक साबित हुई है।
- यह गेहूँ की खेती करने का एक तरीका है, जिसमें श्री विधि के सिद्धांतों का पालन करके अधिक उपज प्राप्त कि जाती है।
- इसमें कम बीज दर, यानि सिर्फ 10 किलोग्राम प्रति एकड़ बीज़ की आवश्यकता होती है।
- इस विधि में बीजों को बीज उपचार करके ही बोया जाता है।
- पौधों के बीच दूरी 8 इंच रखी जाती है।
- 2 से 3 बार खरपतवार प्रबंधन करना बहुत आवश्यक होता है।
- फसल की देखभाल सामान्य (परंपरागत) गेहूँ की फसल की ही तरह की जाती है।
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