ट्रैक्टर थ्रेसर की खरीद पर मिल रहा अनुदान, जानें टॉप 5 थ्रेसर की पूरी जानकारी

tractor thresher

खेतीबाड़ी में कृषि मशीनरी का उपयोग बढ़ता जा रहा है। इनके उपयोग से लागत और श्रम दोनों की बचत होती है। इसके साथ ही खेती के दूसरों कामों के लिए भी समय बच जाता है। हालांकि सभी किसान भाई इन कृषि यंत्रों को खरीदने में आर्थिक रूप से सक्षम नहीं हैं। ऐसे में कृषि उपकरणों की बढ़ती उपयोगिता को देखते हुए सरकार किसानों के लिए एक खास योजना चला रही है।

केंद्र सरकार की ओर से देश के किसानों के लिए हर तरह की कृषि मशीनरी खरीदने पर 30% से 50% का अनुदान दिया जाता है। हालांकि सभी राज्यों में ये सब्सिडी अलग-अलग तय की गई है। इसी क्रम में मध्य प्रदेश सरकार अपने राज्य के किसानों को ट्रैक्टर थ्रेसर की खरीद पर 50% का अनुदान दे रही है।

खेती में ट्रैक्टर थेसर की उपयोगिता

यह मशीन अनाज को काटने का काम करती है। इसकी मदद से फसल की भूसी और डंठल से बीज निकाला जाता है। सोयाबीन, गेहूं, मक्का, मटर और अन्य कई छोटे अनाज वाली फसलों की कटाई और गहाई के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। थ्रेसर को ट्रैक्टर से जोड़कर चलाया जाता है।

वैसे तो सरकार सभी प्रकार के थ्रेसर पर किसानों को सब्सिडी प्रदान कर रही है। इस लेख के जरिए आपको चुनिंदा 5 कंपनियों के ट्रैक्टर थ्रेसर के बारे में जानकारी देंगे, जो खेतीबाड़ी में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाते हैं।

  • लैंडफोर्स ट्रैक्टर थ्रेसर

लैंडफोर्स कंपनी के पैडी थ्रेसर, मल्टीक्रोप थ्रेसर, हारम्भा थ्रेसर और मेज थ्रेसर बाजार में काफी लोकप्रिय है। ये उपकरण बड़े क्षेत्रफल में कम समय के साथ कटाई और गहाई का काम करने में सक्षम हैं।

  • दशमेश ट्रैक्टर थ्रेसर

दशमेश कंपनी के मेज थ्रेसर और पैडी थ्रेसर का उपयोग सबसे ज्यादा किया जाता है। मेज थ्रेसर की क्षमता 4000 से 6000 किलो प्रति घंटा है। जो कि अपनी गुणवत्ता के लिए जाना जाता है। इसी तरह पैडी थ्रेसर धान की बढ़िया गहाई के लिए जाना जाता है।

  • महिंद्रा ट्रैक्टर थ्रेसर

इसके महिंद्रा थ्रेसर और महिंद्रा एम-55 किसान भाईयों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। ये दोनों ही भूसी से अनाज अलग करने में एक्सपर्ट हैं। इन्हें खेत में किसी भी स्थान पर आसानी से ले जाया जा सकता है।  

  • केएस ग्रुप ट्रैक्टर थ्रेसर

इसके केएस ग्रुप थ्रेसर और मल्टीक्रॉप थ्रेसर बाजार में काफी प्रचलित है। मल्टीक्रॉप थ्रेसर की मदद से मूंगफली, मक्का, सोयाबीन, राजमा, गेहूंं के अलावा हरी और काली दाल की गहाई आसानी से की जा सकती है। वहीं केएस ग्रुप के थ्रेसर अपनी कार्य कुशलता के लिए जाना जाता है।

  • स्वराज ट्रैक्टर थ्रेसर

इसके पी 550 मल्टीक्रॉप थ्रेसर की मांग किसानों के बीच सबसे ज्यादा है। इसका प्रयोग दाल, सोयाबीन एवं गेहूं सहित फलियों वाली फसल के दाने अलग करने में किया जाता है। हालांकि इस उपकरण का वजन 1550 किलोग्राम है, जो की काफी ज्यादा है।

स्रोत: ट्रैक्टर जंक्शन

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