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- सोयाबीन की फसल में इस रोग के कारण बहुत अधिक नुकसान होता है।
- इसके प्रकोप के लक्षण पौधे के सभी ऊपरी हिस्सों पर सबसे पहले दिखाई देते हैं।
- इसके बाद पत्तियों की ऊपरी सतह पर बड़ी संख्या में हल्के भूरे रंग या नारंगी रंग के धब्बे दिखाई देते हैं, जो बाद में भूरे रंग या लाल भूरे रंग के धब्बों में बदल जाते हैं।
- प्रबंधन: थियोफिनेट मिथाइल 70% WP@ 300 ग्राम/एकड़ या हेक्साकोनाजोल 5% SC@ 400 मिली/एकड़ या प्रोपीकोनाज़ोल 25% EC@ 200 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
- जैविक उपचार हेतु ट्रायकोडर्मा विरिडी@ 500 ग्राम/एकड़ या सुडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
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