गेहूँ में जड़ माहू (रुट एफिड) का नियंत्रण

  • गेहूँ में माहु का प्रकोप नवंबर- फरवरी माह में देखने को अधिक मिलता है|
  • वर्षा आधारित एवं देर से बुवाई की हुई फसल में यह कीड़ा अधिक नुकसान करता है|
  • छोटे-छोटे पीले रंग के मच्छर गेहूँ के तने के आसपास दिखाई देते है|
  • यह पौधों से रस चूसता है जिस कारण पौधा पीला पड़ने लगता है|
  • यह कीड़ा वायरस रोग फ़ैलाने में भी मदद करता है|
  • इस कारण लगभग 50% तक उपज में कमी आ सकती है|

नियंत्रण-

  • फसल की देर से बुवाई न करें|
  • यूरिया का प्रयोग ज्यादा न करे|
  • खड़ी फसल में इमिडाक्लोप्रिड 17.8% SL 60-70 मिली प्रति एकड़ की दर से स्प्रे करें|
  • या थायमेथॉक्ज़ाम 25% WG @ 100 ग्राम प्रति एकड़ की दर से  खाद/रेत/मिट्टी में मिला कर जमीन से दे और सिंचाई करें |

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Management of root aphid in Wheat

  • फसल की देर से बुवाई न करें|
  • यूरिया का प्रयोग ज्यादा न करे|
  • खड़ी फसल में इमिडाक्लोप्रिड 17.8% SL 60-70 मिली प्रति एकड़ की दर से स्प्रे करें|
  • या थायमेथॉक्ज़ाम 25% WG @ 100 ग्राम के साथ बिवेरिया बेसियाना 2 किलो प्रति एकड़ की दर से  खाद/रेत/मिट्टी में मिला कर जमीन से दे और सिंचाई करें |

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Identification of root aphid in Wheat Crop

  • गेहूँ में माहु का प्रकोप नवंबर- फरवरी माह में देखने को अधिक मिलता है|
  • वर्षा आधारित एवं देर से बुवाई की हुई फसल में यह कीड़ा अधिक नुकसान करता है|
  • छोटे-छोटे पीले रंग के मच्छर गेहूँ के तने के आसपास दिखाई देते है|
  • यह पौधों से रस चूसता है जिस कारण पौधा पीला पड़ने लगता है|
  • यह कीड़ा वायरस रोग फ़ैलाने में भी मदद करता है|
  • खड़ी फसल में इमिडाक्लोप्रिड 17.8% SL 60-70 या थायमेथॉक्ज़ाम 25% WG @ 100 ग्राम के साथ बिवेरिया बेसियाना 2 किलो प्रति एकड़ की दर से  खाद/रेत/मिट्टी में मिला कर जमीन से दे और सिंचाई करें |

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