तोरई की फसल में पत्ती सुरंगक का प्रकोप

  • इसका वयस्क रूप एक हलके पीले रंग की मक्खी होती है जो पत्तियों पर अंडे देती है। 
  • इससे पत्तियों पर सफेद टेढ़ी मेढ़ी धारियां बन जाती है तथा अधिक प्रकोप होने पर पत्तियाँ सूख कर गिर जाती है। 
  • इस कीट से प्रभावित पौधों पर फलन की समस्या देखने को मिलती है जिससे उपज में कमी आ जाती है। 
  • खरपतवार को खेत और उसके आसपास से हटाएँ हटाएँ।  

इसकी रोकथाम हेतु एबामेक्टिन 1.8% ईसी @ 160 मिली/एकड़  या साइपरमैथ्रिन 4% ईसी + प्रोफेनोफॉस 40% ईसी 400 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

Share

तोरई की उन्नत खेती से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य जो बेहतर उत्पादन में होंगे सहायक

  • तोरई कैल्शियम, फॉस्फोरस, लोहा और विटामिन ए का अच्छा स्रोत है। 
  • इसकी खेती गर्म और आर्द्र जलवायु में की जाती है। 
  • इसके लिए तापमान 32-38 डिग्री सेंटीग्रेड का होना चाहिए।  
  • तोरई की बुआई के लिए नाली विधि ज्यादा उपयुक्त मानी जाती है।
  • गर्मी के दिनों में इसकी फसल को लगभग 5-6 दिनों के अन्तराल पर सिंचाई देनी चाहिए।
  • इसकी तुड़ाई में अगर देरी हो तो इसके फलों में कड़े रेशे बन जाते हैं।
Share

तुरई की आरती किस्म (VNR SEEDS) की खेती से किसानों को होगी बेहतर आमदनी

क्र. तुरई की आरती किस्म (VNR SEEDS)
1. बुआई का समय मार्च
2. बीज की मात्रा 1-2 किलो/एकड़
3. पंक्ति के बीच की दूरी की 120 -150 सेमी
4. पौधों के बीच की दूरी 90 सेमी
5 बुआई की गहराई 2- 3 सेमी
6. रंग आकर्षक हरा
7 आकार लम्बाई 24-25 सेमी, चौड़ाई 2.4 इंच
8 भार 200-225 ग्राम
9 पहली तुड़ाई 55 दिन
Share

मार्च-अप्रैल में फसलों की इन किस्मों की करें बुवाई, तो ज़रूर बढ़ेगी पैदावार

क्र.  फसल का नाम        प्रमुख किस्म के नाम (कम्पनी का नाम)
1. करेला नागेश (हाइवेज),अमनश्री, US1315 (ननहेमस),आकाश (VNR)
2. लौकी आरती
3. कद्दू कोहीनूर (पाहुजा), VNR 11 (VNR)
4. भिंडी राधिका, विंस प्लस (गोल्डन), सिंघम (ननहेम्स), शताब्दी (राशि)
5. धनिया सुरभी (नामधारी), LS 800 (पाहुजा)
Share

गिलकी एवं तुरई की फसल के लिए खेत की तैयारी के समय पोषक तत्व प्रबंधन:

image source -https://d2yfkimdefitg5.cloudfront.net/images/stories/virtuemart/product/nurserylive-sponge-gourd-jaipur-long.jpg
  • खेत की तैयारी के समय 8-10 टन प्रति एकड़ की दर से गोबर की खाद का प्रयोग करें
  • 30 किलोग्राम यूरिया 70 किलोग्राम सिंगल सुपर फास्फेट एवं 35 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ़ पोटाश को अंतिम जुताई के समय डालें
  • अन्य बचे हुये 30 किलोग्राम यूरिया की आधी मात्रा को 8-10 पत्ती वाली अवस्था में तथा आधी मात्रा को फूल आने के समय डालें
Share

Control of Aphids on Sponge Gourd and Ridge Gourd

गिलकी एवं तुरई में माहू का नियंत्रण:-

ग्रसित भाग पीले होकर सिकुड़कर मुड जाते है अत्यधिक आक्रमण की अवस्था में पत्तियाँ सुख जाती है व धीरे-धीरे पौधा सुख जाता है|

माहू का प्रकोप दिखाई देने पर डायमिथोएट 30 मिली. प्रति पम्प या इमीड़ाक्लोरप्रीड 17.8% SL 10 मिली. प्रति पम्प का स्प्रे पंद्रह दिन के अंतराल से करें|

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

Nutrient management in sponge gourd and ridge gourd

गिलकी एवं तुरई में पोषक तत्व प्रबंधन:-

  • खेत की तैयारी के समय 20-25 टन प्रति हेक्टेयर की दर से गोबर की खाद का प्रयोग करें|
  • 75 किलोग्राम यूरिया 200 किलोग्राम सिंगल सुपर फास्फेट एवं 80 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ़ पोटाश को अंतिम जुताई के समय डालें|
  • अन्य बचे हुये 75 किलोग्राम यूरिया की आधी मात्रा को 8-10 पत्ति अवस्था में तथा आधी मात्रा को फुल आने की अवस्था में डालें|

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share