इस साल किसान कर सकते हैं चावल का रिकॉर्ड उत्पादन

This year farmers can produce record rice

इस साल देश के किसान चावल के उत्पादन में रिकॉर्ड उत्पादन कर सकते हैं। इसके पीछे की वजह सरकार द्वारा धान की कीमत बढ़ाना और संभावित अच्छी मानसून की बारिश बताई जा रही है जिसके कारण किसान धान की बुआई बड़े स्तर पर कर रहे हैं। इसके कारण देश में चावल के उत्पादन में रिकॉर्ड वृद्धि होने की संभावना है।

इस मसले पर भारत के चावल निर्यातक संघ के अध्यक्ष बी वी कृष्णा राव ने कहा कि “किसान धान उगाने में रुचि रखते हैं। सरकारी समर्थन के कारण उनका विस्तार होने की संभावना है। नए विपणन वर्ष में हम 120 मिलियन टन का उत्पादन कर सकते हैं। सरकार ने कीमत बढ़ाई हैं जिस पर वह किसानों से नए सीजन का चावल खरीदेगी।”

ओलाम इंडिया के उपाध्यक्ष नितिन गुप्ता ने इस विषय पर कहा कि “वैश्विक कीमतों में बढ़ोत्तरी, अच्छी मानसूनी बारिश और बढ़ते निर्यात भारतीय किसानों को अधिक चावल लगाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।” गुप्ता ने कहा कि अपने प्रतिद्वंद्वियों के विपरीत, भारत में निर्यात के लिए बड़े पैमाने पर अधिशेष है और यह नए सत्र में और बड़ा हो जाएगा।

स्रोत: फ़सल क्रांति

Share

गेहूँ और चावल की कीमतों पर केंद्र सरकार देगी रियायत

Central government will give concession on the prices of wheat and rice
  • कोरोना विश्व महामारी के इस मुश्किल दौर से निपटने के लिए सरकार ने कुछ बड़े कदम उठाये हैं। 
  • जनता को परेशानी ना हो इसका ध्यान रखते हुए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में देश के 80 करोड़ लोगों को सस्ती दर पर अनाज देने का फैसला किया गया है। 
  • सरकार ने 80 करोड़ लोगों को 27 रूपये प्रति किलो वाला गेहूं मात्र ₹2 प्रति किलोग्राम में और 37 रूपये प्रति किलो वाला चावल 3 रूपये प्रति किलोग्राम में देने का फैसला किया है। 
  • इस पर 1 लाख 80 हजार करोड़ रूपये खर्च होंगें जो तीन महीने के लिए राज्यों को एडवांस में दिया गया है।
Share